भागलपुर. आयकर विभाग की टीम जिन 11 लोगों के घर पहुंची, तो उनमें से एक घर पर छापेमारी शुरू करने से पहले वहां वित्तीय संबंधी दस्तावेज की मांग की गयी. इस पर उनकी ओर से कहा गया कि हमें रिकार्ड के बारे में कुछ भी पता नहीं है. इस पर टीम बोली, हमें इससे कोई मतलब नहीं है. आप जमीन खोदकर लाइए या आसमान से तोड़कर…, हमें हर हाल में दस्तावेज चाहिए.
आयकर सूत्रों की मानें, तो उनकी ओर से आनाकानी करने पर टीम ने सर्च अभियान शुरू कर दिया. घर का कोना-कोना खंगाला और वित्तीय संबंधी दस्तावेज बरामद किया है. इधर, बुधवार देर रात तक आयकर अधिकारी बैंकों में खातों का फिगर चेक करने में लगे थे. फिगर क्या आया और क्या कार्रवाई होगी, इस संबंध में कोई भी अधिकारी कुछ बताने से इंकार कर रहे हैं. इधर, लोग एक-दूसरे से फोन पर दिन भर जानकारी लेने में व्यस्त रहे. इस बात का भय कई लोगों के चेहरे पर साफ दिख रहा था कि कहीं टीम उनके घर भी न पहुंच जाये.
आयकर विभाग की टीम जिन 11 लोगों यहां छापेमारी कर रही है, उनमें से तीन लोगों के घर व दफ्तर से कैश तो कम मिला है लेकिन, जमीन से जुड़े कागजात ज्यादा मिले हैं. आयकर सूत्र की मानें, तो संपत्तियों का तुरंत कैलकुलेशन करना मुमकिन नहीं है.
दो सप्ताह पूर्व निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा व विजय यादव ने इस बात की घोषणा की थी कि उनके खिलाफ पुलिस मुख्यालय से आयी जांच में संबंधित थाने ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया है. इसे लेकर उन्होंने मीडिया में बयान भी जारी किया था. हालांकि इस घोषणा के बाद पुलिस मुख्यालय ने जोगसर थानेदार पर कार्रवाई कर अन्य के खिलाफ जांच की बात कही थी.
इसी बीच अचानक बुधवार सुबह एक साथ राजेश वर्मा व विजय यादव के कई ठिकानों सहित कई अन्य के ठिकानों पर आइटी की रेड से सबके होश उड़ गये. रेड की जद में आये लोगों में ऐसे कारोबारी, प्लॉटर, विवि कर्मी, रेल कर्मी, सीए व शहर के अन्य चर्चित चेहरे शामिल हैं जो कहीं न कहीं राजेश वर्मा, विजय यादव व शिवम चौधरी से जुड़े हैं.