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Video: ‘अनपढ़ लड़कियों से सीखें पढ़ी-लिखी लड़कियां’, श्रद्धा मर्डर केस पर केंद्रीय मंत्री का अटपटा बयान

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर चौधरी ने श्रद्धा हत्याकांड की निंदा करते हुए कहा कि पढ़ी-लिखी लड़कियों को अनपढ़ लड़कियों से सीख लेनी चाहिए. पढ़ी-लिखी लड़कियां लिव-इन के लिए अपने मां-बाप को छोड़ देती हैं. इस कारण ही अपराध बढ़ता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2022 10:00 AM

गया. केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर चौधरी ने श्रद्धा हत्याकांड की निंदा करते हुए कहा कि पढ़ी-लिखी लड़कियों को अनपढ़ लड़कियों से सीख लेनी चाहिए. पढ़ी-लिखी लड़कियां लिव-इन के लिए अपने मां-बाप को छोड़ देती हैं. इस कारण ही अपराध बढ़ता है. किसी को भी लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं जाना चाहिए, जो लड़कियां लिव-इन रिलेशनशिप में जा रही हैं, तो उन्हें कोर्ट से पेपर बनवा लेना चाहिए. अगर किसी लड़के के साथ रहना ही है तो शादी करके रहो. इस तरह केंद्रीय मंत्री ने आधुनिक खयालात वाली लड़कियों को एक तरह से नसीहत दे डाली. कौशल किशोर चौधरी गया क्लब के परिसर में आयोजित महान वीरांगना ऊदा देवी की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने आये थे.


इन सबके लिए पढ़ी-लिखी लड़कियां जिम्मेदार

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर किसी लड़की को किसी लड़के के साथ रहना ही है तो वो शादी करके रहें. कोई लड़का पसंद है और उसके साथ रहना है, मां-बाप तैयार नहीं हैं तो आपको कोर्ट में शादी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन सबके लिए पढ़ी-लिखी लड़कियां जिम्मेदार हैं. आज भी अधिकतर मां बाप ऐसे रिश्ते के लिए मना करते हैं.

लिव इन में फंस जाती है खुले विचारों की लड़कियां

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं उन सभी लड़कियों के साथ हो रही हैं, जो पढ़ी-लिखी हैं और सोचती हैं कि वे बहुत खुले विचारों की हैं. जो सोचती हैं कि वो जिम्मेदार हो चुकी हैं और अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेने की क्षमता रखती हैं. ऐसी लड़कियां लिव-इन में फंस जाती हैं. लड़कियों को ध्यान रखना चाहिए कि वे ऐसा क्यों कर रही हैं.

बयान की हो रही है आलोचना

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के इस बयान के बाद विवाद भी शुरू हो गया. विपक्ष की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट के माध्यम से मंत्री की आलोचना की. शिवसेना सांसद ने लिखा कि आश्चर्य है कि उन्होंने यह नहीं कहा कि इस देश में जन्म लेने के लिए लड़कियां जिम्मेदार हैं. बेशर्म, हृदयहीन और क्रूर, सभी समस्याओं के लिए महिलाओं को दोष देने की मानसिकता पनप रही है.

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