बिहार: शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से मांगी बीएड शिक्षकों की संख्या, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने वाले बीएड शिक्षकों की संख्या की जानकारी मांगी है. इसके लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शनिवार तक का समय दिया गया है.
बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूलों में कक्षा एक से पांचवीं तक पढ़ाने वाले बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारियों से मांगी है. इस रिपोर्ट में बीएड शिक्षकों की संख्या बतानी है. यह संख्या पटना हाईकोर्ट द्वारा छह दिसंबर को दिए गए निर्णय के तहत मांगी गई है. इसके लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शनिवार तक का समय दिया है. जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने बीएड शिक्षकों को लेकर छह दिसंबर को आये पटना हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी को लेकर मांगी है.
वर्ष वार मांगी गयी है बीएड डिग्री धारकों की संख्या
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जनसंख्या के प्रतिवेदन में बीएड डिग्री धारकों की संख्या वर्ष वार मांगी गयी है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को बताया है कि सीडब्ल्यूजेसी संख्या 5053/2021 (ललन कुमार यादव एवं अन्य बनाम बिहार सरकार एवं अन्य ) के मामले में उच्च न्यायालय पटना की तरफ से छह दिसंबर 2023 के आलोक में वर्ग एक से पांच में कार्यरत बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की संख्या से संबंधित रिपोर्ट की जरूरत है. लिहाजा बीएड शिक्षकों की संख्या से संबंधित प्रतिवेदन मांगा है.
नियोजित शिक्षकों की भी मांगी गई संख्या
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक एक जुलाई 2006 पंचायत और प्रखंड शिक्षक के रूप में समायोजित एवं कार्यरत बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की संख्या के अलावा स्थानीय निकायों की तरफ से वर्ष 2006-2007, वर्ष 2008-10, 2012-15, और 2019-22 में नियोजित एवं कार्यरत बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की संख्या मांगी गयी है.
विद्यालय अध्यापकों की भी मांगी गई संख्या
इसके अलावा बीपीएससी की तरफ से वर्ष 2023 में नियुक्त एवं कार्यरत बीएड योग्यताधारी विद्यालय अध्यापकों की संख्या भी अनिवार्य तौर पर मांगी गयी है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में कोर्ट ने बीएड धारकों को कक्षा एक से पांचवीं तक के शिक्षक चयन में बीएड डिग्री धारकों को अमान्य किया है.
शिक्षा विभाग करेगा अपील
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कक्षा एक से पांच तक बीएड डिग्री की मान्यता को लेकर पटना हाई कोर्ट के फैसले को लेकर शिक्षा विभाग सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रहा है. ताकि बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को राहत मिल सके. यह अपील इस माह किसी भी समय की जा सकती है. इसी तैयारी के तहत विभाग ने जिलों से सूची मांगी है.
जानकारों का कहना है कि हाई कोर्ट के फैसले से हाल ही में कक्षा एक से पांच तक के लिए चयनित बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नौकरी पर असर पड़ सकता है. हालांकि, विभाग अपनी जानकारी के लिए 2006 से अब तक बीएड डिग्री धारक शिक्षकों की जानकारी मांग रहा है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य में बीएड धारक प्राथमिक शिक्षकों की संख्या दो लाख से अधिक बताई जा रही है. हालांकि विभाग के पास इसका ताजा अपडेट नहीं है.
हाइकोर्ट ने क्या दिया था फैसला
दरअसल, 6 दिसंबर को पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में अपना फैसला सुनाते हुए यह साफ कर दिया था कि राज्य में कक्षा एक से पांच तक में बीएड डिग्री धारकों को शिक्षक के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने कहा था कि प्राथमिक कक्षाओं में केवल डीएलएड डिग्री वाले शिक्षकों की ही नियुक्ति की जाएगी. एनसीटीई की ओर से 28 जून 2018 को जारी अधिसूचना को कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसमें प्राथमिक कक्षाओं में बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को भी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के लिए पात्र माना गया, हाई कोर्ट ने इस आदेश को सही नहीं माना था. हाइकोर्ट के इस आदेश से लगभग 22 हजार शिक्षकों की नौकरी पर खतरा आ गया है, जिनकी नियुक्ति इस मामले की सुनवाई के दौरान हुई है.