बिहार में विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति के लिए बनायी नियमावली के आलोक में शिक्षा विभाग एक्शन में है. बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इससे संबंधित आधिकारिक निर्देश पत्र जारी कर दिया है. इसमें विभाग ने अविलंब विषयवार रिक्तियां भेजने के लिए कहा है. यह रिक्तियां पंचायत और नगरीय निकाय से जुड़ी नौ हजार नियोजन इकाइयों से वापस मांगी जा रही हैं. जिलों से यह रिक्तियां भी विषयवार मांगी गयी हैं, ताकि रिक्तियों में स्पष्टता रहे. शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में औपचारिक पत्र जारी कर दिया गया है. सभी नियोजन इकाइयों से रिक्तियों की जानकारी शिक्षा विभाग लेगा. इसके बाद विभाग जिलावार रोस्टर क्लियरेंस कराया जायेगा. रिक्तियां रोस्टर क्लियरेंस के बाद आरक्षण कोटिवार अधियाचना आवश्यकतानुसार आयोग को भेजी जायेगी. तब आयोग रिक्तियां प्रकाशित करेगा.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक नियोजन इकाइयों से रिक्तियां लेकर शिक्षा विभाग उन्हें प्रशासी पद वर्ग को सरेंडर करेगा. प्रशासी पद वर्ग इकाई इन सभी पदों को विद्यालय अध्यापक के रूप में मान्यक करके शिक्षा विभाग को सुपुर्द कर देगा. रिक्तियों के अलावा शिक्षा विभाग उन पदों को भी सरेंडर करेगा, जो सृजित हैं. उन पर अभी तक नियोजन नहीं हुआ है. नियोजन इकाइयों से पद सरेंडर कराने के बाद उनके पंचायत और नगरीय निकायों के पास कोई पद नहीं रह जायेंगे. सूत्रों के मुताबिक रिक्तियों की संख्या मार्च 2023 तक के आधार पर ली जायेगी. उम्मीद जतायी जा रही है कि मई तक हर हाल में नयी नियमावली तक विज्ञापन जारी हो जायेगा. इससे पहले विभाग सारी औपचारिकताएं पूरी करा लेना चाहता है.
फिलहाल प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालयों की रिक्तियों की अनुमानित संख्या सवा दो लाख से अधिक है. प्राथमिक में सृजित पदों की संख्या प्लस टू स्कूलों से अधिक है. वर्तमान में माध्यमिक में स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 76648 है. इसमें से केवल 32455 पद ही अब तक भरे हैं. इसी तरह उच्च माध्यमिक में शिक्षकों के स्वीकृत कुल पदों की संख्या 101702 है. इसमें से केवल 11968 शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं. इस तरह अकेले माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में अब तक सृजित कुल पदों की संख्या 178350 है. इसकी तुलना में प्लस टू स्कूलों में कुल 44423 शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं.
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वेतनमान तय करने वित्त आयोग को लिखा. वित्त आयोग को शिक्षा विभाग को तरफ से अब तक के नये पुराने सभी वेतनमान के संदर्भ भेजे हैं. वित्त विभाग तय करेगा कि विद्यालय अध्यापकों को कौन सा वेतन दिया जाये.
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चयन के लिए बीपीएससी के नाम की अनुशंसा सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी है. इसकी मंजूरी जल्दी ही मिलने वाली है.
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि जिलों से प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्कूलों तक की रिक्तियों की संख्या मांगी गयी है. रिक्तियों के मिल जाने के बाद इसके आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. विभाग इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रहा है. नियोजन इकाइयों से सरेंडर पदों को नये संवर्ग में बदल दिया जायेगा. इसके बाद इसके बाद पंचायत और नगरीय निकायों के पास कोई पद नहीं रह जायेंगे.