बिहार के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पर शिक्षा विभाग ने लगाई रोक, जानिए क्या है वजह?
शिक्षा विभाग को यह शिकायत मिल रही थीं कि जिला स्तर पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संदर्भ में गड़बड़ी हो रही है. लिहाजा शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को फिलहाल टाल दिया है.
बिहार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक (प्लस टू ) स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लग गयी है. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. फिलहाल प्रदेश के नौ हजार से अधिक प्लस टू स्कूलों में करीब 4200 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है. इन स्कूलों में 12 हजार से अधिक शिक्षकों की जरूरत थी. अब ऐसे में यह भी एक सवाल पैदा होता है कि नियुक्त हो चुके शिक्षकों का क्या होगा.
क्या होगा नियुक्त किए जा चुके शिक्षकों का
नियुक्त किए जा चुके शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वैसे अतिथि शिक्षक जिनकी नियुक्ति की जा चुकी है उन्हें नहीं हटाया जाएगा. नियुक्त किए गए सभी शिक्षकों को शिक्षण कार्य में लगाया जाएगा.
क्यों रोकी गई नियुक्ति
सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग ने विभिन्न स्तरों से आयी शिकायतों के बाद इस मामले में नियुक्ति के संदर्भ में इरादा बदला है. दरअसल विभाग को यह शिकायत मिल रही थीं कि जिला स्तर पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संदर्भ में गड़बड़ी हो रही है. लिहाजा शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को फिलहाल टाल दिया है. इससे पहले अगले तीन से चार माह के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही जा रही थी.
किस विषय में हुई कितनी नियुक्ति
फिलहाल भौतिकी में 2388 जरूरत के अतिथि शिक्षकों की तुलना में केवल 536, अर्थशास्त्र में 200 की तुलना में 50, गणित में 2700 की तुलना में 1000, अंग्रेजी में 1100 की तुलना में 925, कंप्यूटर साइंस में 436 के विरुद्ध 61, जंतु विज्ञान में 1449 के विरुद्ध 486 , वनस्पति विज्ञान में 1266 के विरुद्ध 300 से कुछ अधिक और रसायन विज्ञान में 2504 के विरुद्ध 600 से कुछ ही अधिक नियुक्तियां की जा सकी हैं.
शिक्षा विभाग ने दिया था अतिथि शिक्षक नियुक्त करने का निर्देश
दरअसल बीते दिनों, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने राज्य के प्लस टू स्कूलों में सितंबर से फरवरी तक के लिए कुछ खास विषयों के अतिथि शिक्षक नियुक्त किये जाने को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर दिशा-निर्देश दिए थे. जहां उन्होंने अतिथि शिक्षकों को विशेष रूप से अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के लिए रखे जाने के लिए कहा था. सूत्रों के मुताबिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अपर मुख्य सचिव ने कहा था कि परीक्षा से पहले स्कूलों में हर हाल में पाठ्यक्रम पूरा हो जाना चाहिए. इसके लिए जरूरी शिक्षकों को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाये. उन्होंने दो टूक कहा था कि इस मामले को गंभीरता से लें. विज्ञान वर्ग और अंग्रेजी के शिक्षकों की कमी पूरी करें. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि जिन जिलों में सामाजिक विज्ञान और हिंदी आदि के लिए शिक्षक रख लिये हैं. उन्हें हटाया जाये. ऐसे शिक्षकों की कमी को अन्य विद्यालयों या वर्गों के शिक्षकों से ही पढ़वाया जाये.
गड़बड़ी के दोषी अधिकारियों पर होगी कार्रवाई?
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव पाठक ने सभी अफसरों को दो टूक हिदायत दी थी कि एकेडमिक सपोर्ट के लिए नियुक्त किये जा रहे शिक्षकों की नियुक्ति में किसी भी रूप में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सूचना मिली तो दोषी डीइओ के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. अगर ऐसी नियुक्तियां एजेंसी करती हैं तो उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा. इसमें किसी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. अब गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर यह देखने वाली बात होगी की किन अधिकारियों पर कार्रवाई की जाती है.