बिहार के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से 12 वीं तक के जिन 22.73 लाख विद्यार्थियों के नामांकन रद्द किए गये हैं. उन्हें मेधा साफ्ट पोर्टल पर चिन्हित करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. यह कार्रवाई माध्यमिक शिक्षा निदेशक और डीबीटी कोषांग के नोडल पदाधिकारी कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के निर्देश पर शुरू की गयी है. आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि लगातार अनुपस्थित रहे इन सभी विद्यार्थियों को सरकारी स्कॉलरशिप और दूसरी लाभुक योजनाओं का फायदा नहीं दिया जायेगा. हालांकि इस संदर्भ में विभाग ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
पंद्रह दिन अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों के नाम काटे गए
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जुलाई माह से स्कूलों में बिना किसी सूचना के लगातार पंद्रह दिन अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों के नाम काटे जा रहे हैं. अब तक 22 लाख, 73 हजार 606 बच्चों के नाम काटे जा चुके हैं. इनमें 18 लाख 63 हजार, से अधिक बच्चे कक्षा 1 से आठ वीं के विद्यार्थी हैं. नामांकन रद्द करने की कार्रवाई करने के सदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने दिये हैं. जबकि कक्षा नौ से 12 वीं तक चार लाख से अधिक विद्यार्थियों के नाम काटे गये हैं.
तीन दिन के अंदर छात्रों को किया जाना है चिह्नित
स्कूलों से नाम काटे जाने की यह कार्रवाई दोहरे नामांकन के आधार पर चल रही है, यह वह विद्यार्थी हैं जो पढ़ तो प्राइवेट स्कूलों में रहे हैं, लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सरकारी स्कूलों में सिर्फ नामांकन कराये हुए हैं. नामांकन रद्द किये विद्यार्थियों को चिह्नित करने की कवायद तीन दिन के अंदर की जानी है.
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नामांकन रद्द करने की कवायद लगातार जारी
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वर्ष 2023-24 में विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए लाभुकों की सूची मेधा सॉफ्ट पर अपलोड की गई है. इसी क्रम में एनआइसी के द्वारा मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर नाम काटे गए छात्र-छात्राओं को चिह्नित करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इधर शिक्षा विभाग बिना किसी सूचना के नामांकन रद्द करने की कवायद लगातार जारी है.
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