पटना. बिहार के शिक्षा विभाग और उसके निदेशालयों का कामकाज जल्द ही डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर आने जा रहा है. समूची कवायद न केवल ऑनलाइन होगी, बल्कि उस पर अफसर की निगरानी भी होगी. बस एक क्लिक पर किसी भी मामले से संबंधित फाइल कंप्यूटर की स्क्रीन पर होगी. संबंधित सेक्शन की फाइलों का एक पासवर्ड दिया जायेगा. कुल मिलाकर विभाग में बाबू गिरी से मुक्ति मिल जायेगी. सभी कामकाज का निबटारा ऑन लाइन शुरू हो जायेगा.
शिक्षा विभाग के सभी निदेशालय जल्द ही इ आफिस में तब्दील होने जा रहे हैं. इसके लिए फाइलों से संबंधित सभी दस्तावेजों की स्कैनिंग का काम अपने अंतिम दौर में है. तीन लाख से अधिक पेजों की स्कैनिंग करायी जा चुकी है. इसके लिए बाकायदा एक एजेंसी का चयन किया गया है. इस दौरान बिहार शिक्षा परियोजना की फाइलों की स्कैनिंग शुरू हो गयी है. बिहार शिक्षा परियोजना और शिक्षा विभाग की अधिकतर फाइलों के पन्ने की स्कैनिंग की जा चुकी है.
शिक्षा विभाग जो पूरी तरह से ऑनलाइन और कागजों की स्कैनिंग के लिए सभी तरह के लिपिक और फाइलों का कामकाज निबटाने वाले पदाधिकारियों की ट्रेनिंग भी जारी है. उम्मीद है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह तक शिक्षा विभाग के दफ्तर इ ऑफिस में तब्दील हो जायेंगे.
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इधर, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नया आदेश जारी कर राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की वाट्सएप चैटिंग और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. आदेश के मुताबिक अब स्कूल के समय में शिक्षक शाॅर्ट वीडियो और रील्स भी नहीं बना सकेंगे. उसके लिए मनाही कर दी गयी है. शिक्षक केवल शैक्षणिक गतिविधियों के लिए और जरूरी कॉल ही लगा सकेंगे. इस पर प्रधानाध्यापकों को सख्त निगरानी के लिए कहा गया है.