भागलपुर: जिले में फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नियोजित हुए शिक्षकों की पहचान के लिए शिक्षा विभाग, पटना ने जिला शिक्षा कार्यालय को निर्देश जारी किया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इससे संबंधित पत्र जारी किया है.
पत्र में डीइओ को कहा गया है कि वैसी नियोजन इकाई को चिह्नित करें, जिन्होंने अब तक नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का फोल्डर जमा नहीं किया है नियोजन इकाइयों को एक बार अंतिम मौका दिया जाये. उन्हें नियोजन के फोल्डर सहित सभी उपलब्ध कागजात सौंपने के लिए 10 दिनों का लिखित नोटिस दिया जाये.
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पत्र के अनुसार, उच्च न्यायालय पटना में 2014 में दायर लोकहित याचिका व न्यायालय द्वारा पारित आदेश के तहत नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्र की जांच निगरानी विभाग कर रही है. इस बाबत शिक्षा विभाग ने 2016 में जिले के नियोजन इकाई से संबंधित शिक्षकों के प्रमाणपत्र प्राप्त कर निगरानी विभाग को हस्तगत कराये जाने का निर्देश था. निगरानी विभाग ने कहा है कि नियोजन के समय अभ्यर्थियों द्वारा जमा कराये गये प्रमाणपत्रों के आधार पर मेधासूची में अंकित अंक और निगरानी विभाग की जांच के लिए उपलब्ध कराये जा रहे प्रमाणपत्रों में अंकित अंक में अंतर मिल रहे हैं. इसको लेकर निगरानी विभाग ने नियोजन के लिए तैयार किये गये मेधासूची की मांग की है.
शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिले में अब तक जितने फर्जी शिक्षकों ने त्यागपत्र दिया है, उनकी सूची दी जाये. इस सूची को सभी जिला को उपलब्ध कराया जायेगा. पता लगाया जायेगा कि फर्जी शिक्षक दोबारा किसी अन्य नियोजन इकाई में तो काम नहीं कर रहे हैं. साथ ही अब तक नियोजन इकाइयों द्वारा फर्जी शिक्षकों पर दर्ज मुकदमे की जानकारी मांगी गयी.
अगर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी हो तो प्राथमिकी दर्ज करते हुए तथा संबंधित सचिव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जाये. साथ ही निगरानी विभाग को इससे अवगत कराया जाये. निगरानी विभाग द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्त शिक्षकों के विरुद्ध दर्ज की गयी प्राथमिकी की सूची तैयार की जाये. साथ ही ऐसे शिक्षकों की सेवा समाप्ति विभागीय नियमों के आलोक में की जाये.