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बिहार: सरकारी स्कूलों के बाद निजी कॉलेजों के शिक्षकों के लिए आदेश, पांच क्लास लेने के साथ देनी होगी ये जानकारी

Bihar News: बिहार में सरकारी स्कूलों के बाद निजी कॉलेजों के शिक्षकों के लिए आदेश जारी किया गया है. इन शिक्षकों को पांच क्लास लेना अनिवार्य होगा. साथ ही कुछ जानकारियां भी इन्हें साझा करनी होगी.

Bihar News: बिहार में सरकारी स्कूलों के बाद निजी कॉलेजों में शिक्षकों के लिए आदेश जारी किया गया है. आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के सभी केंद्रों के लिए यह आदेश जारी हुआ है. अब इन शिक्षकों को यहां पांच क्लास लेना अनिवार्य होगा. साथ ही कई जानकारियों को भी साझा करना होगा. छात्रों की संख्या की भी जानकारी देनी होगी. साथ ही साफ- सफाई से जुड़ी जानकारी भी देनी होगी. शिक्षकों की संख्या और उपस्थित शिक्षकों की जानकारी भी देना अनिवार्य होगा. शीट के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध करानी होगी. वहीं, इससे पहले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ठीक ऐसा ही आदेश जारी किया गया था.

स्कूलों में आईसीटी की कक्षाओं का संचालन

सरकारी स्कूलों में आठ घंटियां होगी. वहीं, स्कूलों में टाइम टेबल की भी जानकारियां साझा की गई थी. 11वीं और 12वीं के मुख्य विषयों को लंच ब्रेक से पहले चार घंटियों के लिए पढ़ाया जाएगा. आईसीटी की कक्षाओं का संचालन भी स्कूलों में अनिवार्य होगा. स्कूल के समय में फिलहाल कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. सरकारी स्कूलों में शाम पांच बजे से पहले स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जाएगी. आठवीं घंटी को खेल व बागवानी के लिए निर्धारित किया गया है. बच्चों की पढ़ाई बेहतर हो सके. इसके लिए यह आदेश जारी हुआ है. वहीं, बिहार के स्कूलों में अब इंटरनेट की शुरूआत भी होने जा रही है. बच्चे स्कूलों में अब ऑनलाइन किताबें पढ़ सकेंगे. शिक्षकों की भी ऑनलाइन हाजिरी दर्ज की जाएगी.

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केके पाठक ने लिए कई फैसले

वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक काफी सख्त है. स्कूलों के लिए कई प्रकार के आदेश जारी किए जाते हैं. उन्होंने कुछ दिनों पहले ही पटना में स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान दो स्कूलों के हेडमास्टर का वेतन रोकने का आदेश दिया गया था. स्कूलों में लापरवाही बरतने को लेकर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. साफ- सफाई की व्यवस्था को देकर केके पाठक काफी नाराज भी हुए थे. इस कारण प्रधानाध्यपक के वेतन को रोकने का आदेश था. जबकि, शिक्षक को निलंबित किया गया था. मुख्य सचिव लगातार ही स्कूलों में पहुंचते है. कई बार उनके निरीक्षण के दौरान डीएम भी साथ मौजूद रहते है. शिक्षकों को अपर मुख्य सचिव आवश्यक दिशा निर्दश देते हैं. केके पाठक के आदेश को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अलर्ट मोड पर रहते हैं. अपर मुख्य सचिव ने कई फैसले लिए है.

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शिक्षकों को लेकर विभाग सख्त

केके पाठक की ओर से स्कूलों में छात्रों की सुविधा को लेकर कई फैसले लिए गए है. लगातार ही स्कूलों की पढ़ाई को बेहतर करने का प्रयास किया गया है. अपर मुख्य सचिव लगातार ही स्कूलों का निरीक्षण करते हैं. इस दौरान कई बार उन्हें कई तरह की शिकायतें भी मिलती है. इसको लेकर काम भी किए जाते है. शिकायतों की ओर शिक्षा विभाग के तरफ से ध्यान दिया जाता है. उन्हें दूर किया जाता है. महिला शिक्षकों को दो पहिया वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसका कारण है कि इन्होंने शिकायत की थी कि इन्हें स्कूल आने में परेशानी होती है. स्कूटी की ट्रेनिंग से इन्हें स्कूल आने में आसानी होगी. साथ ही समय भी कम लगेगा. वहीं, पहले चरण की शिक्षक भर्ती के बाद अभी दूसरे चरण में शिक्षकों की बहाली ली जा रही है. शिक्षकों की भर्ती परीक्षा जारी है. बिहार का शिक्षा विभाग अपने फैसलों की वजह से लगातार चर्चाओं में बना रहता है. बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों से कहा गया था कि उन्हें छह क्लास लेना जरूरी होगा. शिक्षकों की छुट्टी को लेकर भी विभाग सख्त है. इसको लेकर सख्ती बरतने के आदेश है. वही, अब वाट्सएप पर शिक्षकों की छुट्टी के आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा. भौतिक रूप से स्कूल में पहुंचकर शिक्षकों को छुट्टी लेनी होगी. वाट्यएप पर शिक्षकों की छुट्टी को अमान्य करार दे दिया गया है. स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर यह निर्णय लिया गया है.

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