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बिहार: शिक्षा विभाग ने कोचिंग के प्रारूप को किया जारी, 13 साल बाद आई नियमावली, जानें कब रद्द होगा पंजीकरण

Bihar News: बिहार में शिक्षा विभाग ने कोचिंग संस्थान के प्रारुप को जारी किया है. 13 साल बाद नई नियमावली आई है. नई नियमावली में साफ कहा गया है कि कोचिंग संस्थानों को जिले में पंजीकरण कराना होगा. छात्रों को कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध करानी होगी.

Bihar News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार चर्चाओं में बने रहते है. इसी बीच शिक्षा विभाग ने राज्य के कोचिंग संस्थान के नए प्रारुप को जारी किया है. बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) नियमावली 2023 का प्रारुप जारी हुआ. इस नए प्रारुप में साफ कहा गया है कि हर कोचिंग संस्थान को जिले में पंजीकरण कराना होगा. इसमें कोचिंग की व्यवस्था को लेकर भी बात कही गई है. छात्रों को कई तरह की सुविधा उपलब्ध करानी होगी. इसे भी इसमें साफ कर दिया गया है.

सुझाव के बाद नई नियमावली होगी जारी

इस नई नियमावली को विभाग के वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. इसे अपलोड करने के बाद एक सप्ताह के अंदर इसमें सुझाव मांगा गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक के ईमेल पर सुझाव देना है. मालूम हो कि अभी बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) 2010 गठित है. इसके 13 साल बाद नई नियमावली अब आई है. इसमें सुझाव मांगा गया है. सुझाव के सामने आने के बाद उसमें विचार कर नई नियमावली को लागू किया जाएगा. संस्थानों को निबंधन प्रदान करने के लिए प्राधिकार गठित होंगे. जिलाधिकारी और सदस्य सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी इसके अध्यक्ष होंगे.

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गड़बड़ी सामने आने पर जुर्माने का प्रावधान

एसपी के साथ ही कॉलेज के प्राचार्य इसके अध्यक्ष होंगे. सभी मानदंडों पर खड़ा उतरने पर 30 दिनों के अंदर कमेटी की ओर से पंजीकरण प्रमाणपत्र दिया जाएगा. वहीं, इस मानक पर खड़ा नहीं उतरने पर आवेदन को खारीज कर दिया जाएगा. संस्थान को प्रत्येक कक्षा का न्यूनतम कॉपरेट एरिया तीन फुट का रखना होगा. इसके साथ ही बेंच और डेस्क को इस प्रकार से रखना होगा कि हर छात्र को कम से कम एक वर्गमीटर की जगह मिले. संस्थानों के मापडंड को उल्लंघन करने की स्थिति में सजा का प्रावधान भी किया गया है. पहली जांच में गड़बड़ी सामने आने पर 25 हजार के जुर्माने का भुगतान करना होगा. वहीं, दूसरी बाद गड़बड़ी सामने आने पर एक लाख का भुगतान करना होगा. इसके बाद भी अगर गलती पकड़ी जाती है, तो संस्थान के पंजीकरण को ही रद्द कर दिया जाएगा.

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अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मांगी जानकारी

बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है. विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कई आदेश जारी किया है. लगातार स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है. गड़बड़ी सामने आने पर शिक्षकों के वेतन को काटा जा रहा है. साथ ही उनका निलंबन भी हो रहा है. शिक्षा विभाग कक्षा 11 वीं में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या भी जानना चाहता है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर जिला शिक्षा पदाधिकारी से कहा है कि कक्षा 11 वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की प्रतिदिन की जानकारी अनिवार्य तौर पर भिजवायें. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक यह जानकारी अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने तलब की है. यह जानकारी 31 अगस्त से जानकारी देने के लिए कहा गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बाकायदा प्रपत्र जारी किया है. इस प्रपत्र में जिला का नाम, सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 11 वीं में पढ़ रहे विद्यार्थियों की संख्या आदि शामिल हैं. इस संदर्भ में खास बात यह होगी, शिक्षा विभाग मुख्यालय तक रोजाना जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक अधिकारी या कर्मी भी नियुक्त करने के लिए कहा गया है.

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पीरियड की समय सारणी को किया तय

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पढ़ाई के लिए घंटी यानी पीरियड की समय सारणी को तय कर दिया है. इसके अनुसार कक्षा एक से आठवीं तक 39 घंटी प्रति सप्ताह पढ़ाई होगी. वहीं, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में हर सप्ताह 44 घंटी पढ़ाई होगी. शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं. बिहार राज्य शिक्षा परियोजना के निदेशक बी कार्तिकेय धनजी ने कहा है कि यह समय सारणी सुझावात्मक है. स्कूल अपने संसाधनों मसलन शिक्षक, विद्यार्थी, सेक्शन आदि की उपलब्धता पर परिवर्तन कर सकते हैं. इस मामले में जिलों से सुझाव भी मांगे हैं. कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में सात घंटी पढ़ाई होगी. चेतना सत्र 50 मिनट और भोजनावकाश 45 मिनट का होगा. भोजनावकाश से पहले हर घंटी 40 मिनट की और भोजनावकाश के बाद हर घंटी 35 मिनट की होगी. सप्ताह में 39 घंटी पढ़ाई होगी.

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