बिहार के 3500 से ज्यादा स्कूलों पर होगी कार्रवाई? छात्रों का डेटा नहीं देने पर एक्शन में शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग ने स्कूलों से पचास फीसदी से कम या इससे अधिक उपस्थिति वाले छात्रों का विवरण स्कूलों से मांगा है. लेकिन कई विद्यालय यह डेटा विभाग को नहीं उपलब्ध करा रहे हैं. ऐसे में अब इन विद्यालयों को एक सप्ताह में यह डेटा उपलब्ध कराने को कहा गया है.
बिहार के 3500 से अधिक स्कूलों ने शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों की उपस्थिति की जानकारी नहीं दी है. जबकि विभाग का सख्त निर्देश है कि छात्रों की उपस्थिति हर दिन अनिवार्य रूप से देनी है. ऐसे में अब उन विद्यालयों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है, जिन्होंने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि वह अविलंब ऐसे स्कूलों की जानकारी साझा करें जहां से छात्रों की उपस्थिति नियमित रूप से नहीं दी जा रही है.
छात्रों की उपस्थिति की जानकारी नहीं दे रहें स्कूल
दरअसल राज्य के लगभग सभी जिलों में कई स्कूल ऐसे हैं जो यह जानकारी नहीं दे रहे हैं. ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि बच्चों की उपस्थिति न देने वाले स्कूलों की जानकारी का प्रतिवेदन भेजें. दरअसल विभाग ने स्कूलों से पचास फीसदी से कम और इससे अधिक उपस्थिति वाले स्कूलों का विवरण मांगा है. इसके लिए दो माह पहले से फार्मेंट दिये जा चुके हैं. इस फॉर्मेट को स्कूलों द्वारा प्रतिदिन भरकर देना है. लेकिन राज्य के हजारों स्कूल इस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सभी स्कूलों से इस बात पर भी जवाब तलब किया गया है कि वो नियमित उपस्थिति भेजने के नियम का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं.
उपस्थिति की जानकारी देने के लिए एक सप्ताह का समय
छात्रों की उपस्थिति की जानकारी नहीं देने वाले स्कूलों को जवाब और उपस्थिति की जानकारी देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. इस वक्त में स्कूलों को पहले की उपस्थिति की भी जानकारी देनी होगी. बता दें कि स्कूलों को स्कूलों से पचास फीसदी से कम और इससे अधिक उपस्थिति, 75 फीसदी से अधिक और इससे कम उपस्थिति वाले छात्रों का विवरण मांगा है. स्कूलों ने यह जानकारी आधी-अधूरी ही उपलब्ध कराई है.
शिक्षा मंत्रालय राज्य के स्कूलों की रखेगा जानकारी
इधर, शिक्षा मंत्रालय राज्य के स्कूलों का आंकड़ा तैयार कर रहा है. शिक्षा मंत्रालय स्कूलों को विकसित करने के लिए यू-डायस पोर्टल पर आंकड़े रखेगा, ताकि जरूरत पड़ने पर राज्य के स्कूलों की स्थिति की जानकारी प्राप्त हो सके. यू-डायस पोर्टल पर स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की संख्या, कितने तरह के स्कूल हैं, किन स्कूलों में किस तरह की पढ़ाई होती है, पढ़ाने के तरीके क्या हैं, स्कूलों में कितने कक्षाओं तक की पढ़ाई होती है, बच्चों की क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं आदि चीजों की जानकारी यू-डायस पोर्टल पर देनी है.
31 अक्टूबर तक यू-डायस पोर्टल पर अपलोड करनी है छात्रों की जानकारी
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने शिक्षा मंत्रालय से प्राप्त पत्र के बाद सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 31 अक्टूबर तक सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों का प्रोफाइल यू-डायस पोर्टल पर अपडेट करने का निर्देश दिया है. यू-डायस पोर्टल पर प्रत्येक वर्ष स्कूलों की बिहार के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों का प्रोफाइल अपडेट करना है.
डाटा अपडेट करने में होने वाला खर्च विभाग उठाएगा
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने जिला पदाधिकारियों से कहा है कि स्कूलों के प्रधानों को निर्देश दे, ताकि स्कूलों का प्रोफाइल यू-डायस पोर्टल पर अपडेट किया जा सके. अपडेट करने की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर है. अपडेट में होने वाला खर्च दो से तीन रुपया प्रति बच्चा विभाग द्वारा खर्च वहन किया जायेगा और राशि स्कूलों के खाते में भेज दी जायेगी.
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