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बिहार : शिक्षा विभाग ने 6 दिनों में जारी किए 2000 करोड़ रुपये से अधिक, इन योजनाओं पर होंगे खर्च

वित्त विभाग ने विभागीय योजना के बिल समाहित करने की डेट लाइन 25 मार्च तय की थी. शिक्षा विभाग ने इस निर्धारित समय सीमा से पहले विभिन्न योजनाओं को स्वीकृति कराने में काफी मेहनत की . शिक्षा विभाग के अफसर देर शाम तक ऑफिस में देखे गये.

पटना. यह वित्तीय प्रबंधन का उदाहरण हो या अंतिम समय में पैसे के जुगाड़ का मामला, पिछले छह दिनों में शिक्षा विभाग ने दो हजार करोड़ से अधिक की राशि जारी की है. विभाग ने 18 से 24 मार्च तक विभिन्न मदों में 2127 करोड़ रुपये स्वीकृत या विमुक्त किये हैं. 2022-23 के लिए जारी इस राशि का शिक्षा विभाग उपयोग कर सकेगा. वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि यह राशि समय से जारी होती तो उसकी प्रभावशीलता कहीं अधिक होती. स्वीकृत और जारी की गयी राशि में सर्वाधिक बड़ा हिस्सा छात्रवृत्ति एवं वेतन की राशि का है. 31 मार्च को चालू वित्तीय वर्ष की अवधि समाप्त हो रही है.

क्या कहते हैं जानकार 

जानकार बताते हैं कि शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष के अंत में पैसा तो जारी कर दिया लेकिन लाभुक वर्ग को इस राशि का फायदा औपचारिक तौर पर नये वित्तीय वर्ष में ही मिल सकेगा. विशेषज्ञों का एक वर्ग यह भी कह रहा है कि राशि मंजूर हो जाने से कम से कम लाभुकों को राशि देर से ही सही मिल तो जायेगी.

27 और 28 मार्च को भी 550 करोड़ से अधिक की राशि जारी

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग ने विभागीय योजना के बिल समाहित करने की डेट लाइन 25 मार्च तय की थी. शिक्षा विभाग ने इस निर्धारित समय सीमा से पहले विभिन्न योजनाओं को स्वीकृति कराने में काफी मेहनत की . शिक्षा विभाग के अफसर देर शाम तक ऑफिस में देखे गये. एक अन्य आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 27 और 28 मार्च को भी 550 करोड़ से अधिक की राशि जारी की गयी है.

इन योजनाओं के लिए जारी की गयी राशि

विभागीय मद – जारी की गयी विशेष राशि (करोड़ में )

  • वित्त रहित डिग्री कॉलेजों के लिए अनुदान- 230

  • सीएम कन्या उत्थान योजना में स्नातक उत्तीर्ण बालिकाओं के लिए प्रोत्साहन राशि- 515

  • प्लस टू स्कूलों के शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए- 252

  • उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों में आधारभूत संरचना के लिए- 60

  • पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण योजना में -287

  • सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षकों के लिए -489

  • पटना विश्वविद्यालय के एकेडमिक और प्रशासनिक भवन निर्माण के लिए- 35

  • नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के लिए – 12

  • चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के लिए- 11

  • कन्या हायर सेकेंडरी में जल-जीवन-हरियाली के लिए- 20

  • भवन हीन विद्यालयों के लिए – 60

  • बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड के संचालन के लिए -17

  • मुख्यमंत्री अनु जाति एवं अनुसूचित जनजाति मेधावृति योजना-39

  • अन्य मदों में – 100

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25 मार्च के बाद जारी विशेष राशि

  • सीएम प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के लिए -200 करोड़ से अधिक

  • अनुदानित माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर विद्यालयों के लिए- 342 करोड़

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