पटना. प्रदेश के सरकारी एवं गैर सरकारी सभी स्कूलों में छेड़छाड़ पर नकेल कसने के लिए शिक्षा विभाग गंभीर है. इस दिशा में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने आदेश जारी किये हैं.
आदेश में साफ किया है कि अगर किसी विद्यालय प्रांगण में ऐसी कोई घटना होती है, तो वहां पदस्थापित शिक्षिकाओं में से कम-से-कम दो शिक्षिकाओं की समिति बनाकर जांच करायी जाये. दस दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट लेकर विधि सम्मत कार्रवाई की जाये.
इसके अलावा प्रधान सचिव संजय कुमार ने विद्यालय प्रांगण में अश्लील चित्रों के प्रदर्शन तथा मोबाइल इंटरनेट के माध्यम से अश्लील फिल्मों के देखने पर पूरी पाबंदी लगाने के लिए कहा है.
उन्होंने कक्षा छह और उससे ऊपर की कक्षाओं में अध्ययनरत छात्राओं के लिए छात्रा क्लब का गठन किया जाये. इस क्लब का मेंटर किसी महिला शिक्षिका को बनाने के लिए कहा है. इस क्लब में छात्राओं को गुड टच और बैड टच की जानकारी दी जाये.
इसके अलावा छात्राओं के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाये. विशेष रूप से किशोरी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाये. लैंगिक उत्पीड़न के लिए प्रखंड स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जाएं.
प्रधान सचिव ने प्राथमिक एवं माध्यमिक निदेशकों को दो टूक लिखा है कि इस तरह के मामले की समय समय पर समीक्षा करें. उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने यह आदेश लोकायुक्त बिहार के एक पत्र के बाद आया है.
लोकायुक्त ने स्कूलों में छात्राओं से अमर्यादित आचरण रोकने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये थे. उल्लेखनीय है कि बिहार शिक्षा परियोजना के तहत सभी जिलों में यौन उत्पीड़न संबंधित परिवाद पर कार्रवाई की सुनवाई के लिए शिकायत समिति गठित करने के लिए पहले ही दिशा-निर्देश दिये जा चुके हैं.
Posted by Ashish Jha