बिहार में सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता और विस्तार के लिए चार स्वयंसेवी संस्थाएं वित्तीय और तकनीकी मदद मुहैया कराने के लिए शिक्षा विभाग के साथ एमओयू करने जा रही हैं. इनमें केंद्रीय भंडार नाम की संस्था कक्षा नौ और 10 के विद्यार्थियों को स्पेशल कंटेंट मुहैया करायेगी. विशेष रूप से क्यूआर कोड से क्रियाशील होने वाली विषय सामग्री उपलब्ध करायेगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में यह निर्णय लिया गया है. इसके अलावा तीन अन्य संस्थाओं ने बिहार में शिक्षा की बेहतरी के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की है, जिनमें आदित्य बिड़ला ग्रुप की संस्था माइंड स्पार्क भी शमिल है.
केंद्रीय भंडार संस्था लर्निंग एप के जरिये विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को मोबाइल एप और पोर्टल के जरिये पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी. एप राज्य सरकार के सुझाये गये नाम से लांच किया जायेगा. इस पर आने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. राज्य सरकार इस पर आने वाले खर्च का अध्ययन कराने जा रही है. इसी तरह आदित्य बिड़ला ग्रुप की माइंड स्पार्क संस्था एप के माध्यम से बच्चों का लर्निंग लेवल सुधारने पर काम करने जा रही है.
बैठक में माइंड स्पार्क को निर्देशित किया गया कि पटना जिले के जिन कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं, उन विद्यालयों में कार्य करने को लेकर एमआयू लेकर आये. यह संस्था सीखने के स्तर पर कक्षा के अनुरूप करने में सहयोग प्रदान करती है.
बैठक की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए जेसुइट पीस मिशन काम करेगी. खासतौर पर बोधगया प्रखंड की दो पंचायत इलराह और शेखवारा पंचायत के 13 विद्यालयों में मेडिटेशन और विजडम ऑफ फॉर ऑल रिलीजियस का प्रशिक्षण देना चाहते हैं. इस संदर्भ में एक कार्यशाला आयोजन की बात कही गयी है. जेसुइट पीस मिशन के तहत यह काम बोधगया के जीवन संघम करेगा, जो कि पटना जेसुइट सोयाइटी की चैरिटेबल संस्था है.
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इसी तरह एजुकेट इंडिया नाम की संस्था कक्षा तीन से पांच तक के विद्यार्थियों को प्रारंभिक साक्षरता मुहैया करायेगी. इसके लिए उसे डोर- टू- डोर सर्वेक्षण कराना है. दो से तीन जिलों में हेल्प डेस्क भी बनाना प्रस्तावित है. बैठक में एजुकेट इंडिया को निर्देशित किया गया कि एमओयू का ड्रॉफ्ट तैयार करे. इसके बाद उसके प्रस्ताव पर निर्णय लिया जायेगा.