BPSC की परीक्षा पास करने के बाद भी शिक्षा विभाग ने रोके सैकड़ों अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र, जारी हुई सूची

बीपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद भी बिहार में कई अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र रोक दिया गया है. इसकी एक सूची भी जारी की गई है. मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण जिले में ये नियुक्ति पत्र रोके गए हैं.

By Anand Shekhar | November 4, 2023 3:54 PM

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की अध्यापक नियुक्ति परीक्षा 2023 में सफल अभ्यर्थियों को 2 नवंबर को औपबंधिक नियुक्ति पत्र बांटा गया. लेकिन कई अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र काउंसेलिंग कराने के बाद भी रोक दिया गया है. मुजफ्फरपुर में ऐसे ही सौ अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र रोका गया है, इसमें 59 महिला अभ्यर्थी भी है. पश्चिम चंपारण में भी 30 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है.

मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण में रोके गए पत्र

मुजफ्फरपुर जिला शिक्षा विभाग ने नियुक्ति पत्र रोकते हुए उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना भेज दी है. इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया है जिसमें उन अभ्यर्थियों के नाम लिखे गए हैं, जिनका नियुक्ति पत्र रोका गया है. इसके साथ ही इसमें लिखा गया है कि प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान प्रथम दृष्टया प्रमाण पत्र पर संदेह होने के बाद नियुक्ति पत्र रोका गया है. वहीं पश्चिम चंपारण में 30 नव नियुक्ति शिक्षकों की सूची जारी की गयी है. इस सूची के साथ जानकारी दी गयी है कि प्रमाणपत्र सत्यापन के क्रम में त्रुटि रहने के कारण काउंसलिग पत्र रद्द कर दिया गया है. अगर उक्त सूची के अभ्यर्थियों को किसी तरह की आपत्ति है तो वे 5 नवंबर तक कार्यालय आकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

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मुजफ्फरपुर में 6577 अभ्यर्थियों ने काउंसेलिंग करायी

बता दें कि आयोग की अनुशंसा के आधार पर 7150 अभ्यर्थियों का आवंटन मुजफ्फरपुर में किया गया था. इसमें 6577 ने काउंसेलिंग करायी, जबकि 573 अभ्यर्थी अंतिम दिन यानि 31 अक्तूबर तक नहीं आ सके. जिले में प्राथमिक के 4303, माध्यमिक के 1052 और उच्च माध्यमिक के 1222 अभ्यर्थियों ने काउंसेलिंग करायी थी.

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दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों ने लिया आरक्षण का लाभ

अध्यापक नियुक्ति परीक्षा में आरक्षण का लाभ बिहार के अभ्यर्थियों को दिया गया. दूसरे राज्य के सभी कोटि के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में रखा गया था. इसके बाद भी दर्जनभर से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. परीक्षा में सफल होने के बाद काउंसेलिंग भी करा लिया. सत्यापन में मामला सामने आने पर नियुक्ति पत्र रोका गया है.

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बीएड डिग्री वालों ने करायी पीआरटी में काउंसेलिंग

प्रियंका कुमारी, वंदना यादव, स्वीटी कुमारी, शिखा वर्मा, अंशू प्रिया, पूजा कुमारी ठाकुर, अन्नेजी श्रीवास्तव, ऋषभ कुमार, मीनू कुमारी ने बीएड करके प्राइमरी टीचर के लिए क्वालिफाई किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्राइमरी टीचर के लिए बीएड को अमान्य कर दिया गया है. इसके आधार पर सत्यापन के बाद इनका नियुक्ति पत्र रोक दिया गया है.

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कइयों का सब्जेक्ट मिसमैच, ताे कुछ का डाक्युमेंट अपठनीय

सत्यापन के दौरान कई अभ्यर्थियों का सब्जेक्ट मिसमैच भी पाया गया. वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने फोल्डर में जो डॉक्युमेंट दिये हैं, वह अपठनीय है. आशीष कुमार का नाम मिसमैच है. ममता कुमारी ने फोल्डर में बीएड का सर्टिफिकेट और मार्कशीट नहीं दिया है. रीतेश कुमार का सब्जेक्ट मिसमैच है. सौम्या कुमारी के डीएलएड सर्टिफिकेट पर संदेह है.

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अभ्यर्थियों से मांगा जा रहा सही डॉक्युमेंट

जिन अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट अपठनीय है या जिनके फोल्डर में कोई सर्टिफिकेट मिसिंग है, उन्हें विभाग की ओर से सूचना दी जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि सही डॉक्युमेंट मिलने के बाद विभाग के निर्देश पर उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. हालांकि जिला स्तर पर अभी प्रारंभिक जांच चल रही है. कहा जा रहा है कि इसके चलते ही औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया है.

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