शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दोहराया विवादित बयान, बोले- रामचरितमानस से कूड़ा कचरा हटाना होगा
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर अपने विवादित बयान को सही ठहराते हुए कहा है कि रामचरितमानस को दलित-पिछड़ा विरोधी बताया. सीएम नीतीश कुमार के मना करने के बावजूद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस में जो कूड़ा-कचरा है उसे हटाना बेहद ही जरूरी है.
पटना. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर अपने विवादित बयान को सही ठहराते हुए कहा है कि रामचरित्रमानस को दलित-पिछड़ा विरोधी बताया. सीएम नीतीश कुमार के मना करने के बावजूद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने मंगलवार को विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि रामचरितमानस में जो कूड़ा-कचरा है उसे हटाना बेहद ही जरूरी है.
रामचरितमानस में बहुत सी अच्छी बातें भी हैं
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस का श्लोक पढ़ते हुए कहा कि अभी एक श्लोक पढ़े हैं, अभी तो दर्जनों ऐसे श्लोक रामचरितमानस में लिखे गए हैं. उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर दलितों को अपमानित करना बंद होना चाहिए. रामचरितमानस में कही गयी आपत्तिजनक बातों का अमृत कैसे समझ लें. देश को जो लोग चला रहे हैं उनके सामने सवाल उठाया है, इसे बदलवाना मेरे बस में नहीं है, लेकिन रामचरितमानस में जो कचरा है उसे हटाना जरूरी है. हालांकि मंत्री ने यह भी कहा कि रामचरितमानस में बहुत सी अच्छी बातें भी हैं, लेकिन जो कूड़ा-कचरा है उसे हटाना चाहिए.
विधानसभा में हो जाये बहस
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर हिम्मत है तो भाजपा रामचरितमानस का मुद्दा सदन के अंदर उठाए. मैंने जो सत्य कह दिया है उसपर किसी को सवाल उठाने का हैसियत नहीं है. भाजपा के सदस्यों को हिम्मत है, तो वे सदन के अंदर इस मुद्दे को उठाएं. जो लोग ज्ञान बांट रहे हैं, उनको चुनौती है. समय आने पर उनको भी सबके सामने रखूंगा, हैसियत है तो विपक्ष विधानसभा में सवाल उठाए. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि भले ही हजारों साल पहले शुद्र का पढ़ना लिखना मना था, लेकिन आज का शुद्र पढ़ लिख गया है.
जदयू ने जतायी आपत्ति
इसबीच, जदयू ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर फिर से आपत्ति जताई है. जदयू विधायक संजीव कुमार ने कहा है कि रामचरितमानस हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ है, अगर उसके बारे में कोई कुछ बोलेगा तो यह बर्दाश्त से बाहर की चीज है. शिक्षा मंत्री के बयान पर सिर्फ जदयू को ही नहीं बल्कि जो भी सनातन धर्म को मानते हैं, उन्हें आपत्ति है. चंद्रशेखर का बयान पूरी तरह से गलत है और यह उनकी अपनी व्यक्तिगत सोच हो सकती है.