पटना. बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर एक बार फिर से सदन के अंदर घिरते दिखे. पिछले दो दिनों से मानस पाठ करने को लेकर सदन के अंदर वो पक्ष और सहयोगियों के निशाने रहे शिक्षा मंत्री की गुरुवार को सदन में सभाध्यक्ष अवधबिहारी चौधरी ने क्लास लगा दी. शिक्षा के मसले पर गोलमोल उत्तर देने के कारण शिक्षामंत्री विपक्षी दलों के अलावा अब अपनी ही पार्टी का विरोध सदन के अंदर झेलना पड़ रहा है. ऐसे में स्पीकर ने उनको साफ लहजे में कहा कि सदन के अंदर पूरी तैयारी के साथ आयें. आधा-अधूरा काम करके आने से कोई फायदा नहीं होगा. अधिकारियों के साथ बैठक कीजिए और यहां सदस्यों के सवालों का पूरा से उत्तर दीजिए.
दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री शिक्षक नियुक्ति से जुड़े मामले पर अपनी बातों को सदन के अंदर रख रहे थे. इस दौरान राज्य के अंदर शिक्षक की कमी को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिक्षक की कमी है. इसको दूर करने को लेकर नियुक्ति भी की जा रही है. इसके बाद स्पीकर ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि मंत्री जी, सदन का यह भावना है कि यदि बिहार के अंदर शिक्षक की कमी है, तो फिर नियमानुसार शिक्षिकों की भर्ती होनी चाहिए. इसमें क्या समस्या है, इसपर सदन में चर्चा होनी चाहिए.
इसके आलावा बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षक की नियुक्ति के सवाल पर जवाब देते हुए शिक्षामंत्री ने कहा कि इस मामले में सदन में चर्चा बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए. यह मामला कोर्ट में है. जब कोई मामला कोर्ट में हैं, तो उसपर सदन में चर्चा उचित नहीं है. इसपर स्पीकर ने मंत्री को चेतवानी देते हुए कहा कि आप सदन में आने से पहले अपने वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर यह तय करें कि कि तरह से शिक्षकों की कमी दूर होगी. उसके बाद आप सदन के अंदर आइये. स्पीकर ने ध्यानकर्षण की सूचना को निरस्त कर दिया.
दरअसल, गुरुवार को राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने शिक्षा विभाग से जुड़े सवाल को पूछते हुए अपने ही दल के मंत्री पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाया. मंत्री ने कहा कि चतुर्थचरण कॉलजों के विवाद से जुड़े मामले में पटना उच्च न्यायालय की ओर से तीन महीने के अंदर कर्मियों कि सेवा पुनरस्थापन के साथ बकाये वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया गया, लेकिन सरकार विरोध में रिवीजन पेटिशन दायर कर दिया गया. इसपर विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मंत्री सरकार को गुमराह कर रहे हैं.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार रिवीजन पेटिशन में गई है. शिक्षा मंत्री ने कहा रिवीजन पेटिशन एक्सेप्ट हुआ है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है. इस जवाब से स्पीकर नाराज़ हो गये. स्पीकर ने कहा जब विश्व विद्यालय में शिक्षकों की कमी है, तब रिवीजन पेटीसन क्यों दिया गया. उन्होंने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया कि अपर मुख्य सचिव के साथ बैठ कर पूरा निष्कर्ष निकालें. अगर जरूरी हो तब सीएम के पास मामला भेजा जाएगा.