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राज्यपाल से मिले शिक्षामंत्री, भ्रष्ट कुलपतियों पर कार्रवाई को लेकर रखा सरकार का पक्ष

विश्वविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है. टकरार के आसार दिखने लगे हैं. राज्यपाल के दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद राजभवन की बैठक में शामिल होने गये थे.

पटना. विश्वविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है. टकरार के आसार दिखने लगे हैं. राज्यपाल के दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद राजभवन की बैठक में शामिल होने गये थे. राज्यपाल के दिल्ली से लौटने बाद रविवार को शिक्षामंत्री विजय कुमार चौधरी राजभवन जाकर उनसे मुलाकात की है.

दोनों के बीच हुई बैठक में मुख्य रूप से कुलपतियों के मामले पर ही बात हुई. इस मुलाकात के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच करने की बात कही. साथ ही स्पष्ट कहा कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा.

राज्यपाल से हुई मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि राज्यपाल फागु चौहान ने भी जांच कर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने मौलाना मजहरूल हक विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर कुद्दुस द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि सीएम सचिवालय द्वारा कार्रवाई को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा गया था.

राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में व्याप्त गड़बड़ियों की जांच पर अपनी सहमति जताते हुए स्पष्ट रूप से कार्रवाई का आश्वासन दिया है. जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. विजय चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर राजभवन और सरकार के बीच तालमेल में कोई कमी नहीं है. सरकार को पूरा भरोसा है कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच होगी और दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ पिछले 15 दिन से निगरानी विभाग की जांच चल रही है. इस संबंध में बिहार और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है जिसमें कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. वीसी राजेंद्र प्रसाद पर लगभग 30 करोड़ के गबन का आरोप है. लेकिन इसके बाद भी राजभवन ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

इस बीच मौलाना मजहरूल हक के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर कुद्दुस ने अपने ही विश्वविद्यालय का काला चिट्ठा खोल कर रख दिया है. उन्होंने तत्कालीन कुलपति एस.पी सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

वहीं, एस.पी सिंह जो वर्तमान में ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के प्रभारी वीसी हैं. दोनों जगह उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं. ऐसे में सरकार ने इस मामले में चुप रहने के बजाय कार्रवाई की अनुशंसा राजभवन से कर दी है.

Posted by Ashish Jha

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