मधेपुरा. शिक्षा दुनिया को बदलने का सबसे शक्तिशाली हथियार है. शिक्षा से ही भारत पुनः विश्व गुरु का दर्जा हासिल करने का सपना पूरा कर सकता है. शिक्षा किसी जाति या धर्म का दास नहीं है.ये बातें केशव कन्या उच्च विद्यालय के प्रांगण में शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कही.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा की शक्ति को समझते हुए ही दशकों पूर्व सामाजिक न्याय के योद्धा लालू प्रसाद ने वंचित समाज तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने के प्रयास के मद्देनजर समाज के अंतिम पायदान पर बसर करने वाले चूहा पकड़ने वालों, घोंघा सितुआ, डोका चुनने वालों, सूअर चराने वालों,बकरी चराने वालों,तारी चुआने वालों व मछली पकड़ने वालों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए ललकारा. शिक्षा नहीं होता तो मेरे जैसा शिक्षक का पुत्र शिक्षा मंत्री नहीं बन पाता. शिक्षा ही किसानों व मजदूरों के बेटा को बड़े बड़े ओहदे व हुक्मरान के पद पर बैठा सकता है. कोई भी देश, समाज वास्तव में तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक कि उसके नागरिक शिक्षित न हो.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि धनबल व बाहुबल की राजनीति को परास्त करते हुए मधेपुरा की जनता ने जो मुझे ताकत दी है. उसका कर्ज सात जन्म में मैं अदा नहीं कर सकता हूं. उन्होंने कहा कि बिहार देश में परिवर्तन का गवाह बनेगा. मुद्दे से भटकाने वाली, बेरोजगार बढ़ाने वाली महंगाई की मार से जनता का कमर तोड़ने वाली, क्षेत्रीय दलों को खत्म करने के लिए सीबीआइ इडी का दुरूपयोग करने वाली केंद्र सरकार को 2024 में हटाने की लड़ाई की शुरूआत बिहार से हो गयी है. शिक्षा एक इच्छुक समाज की आत्मा जैसी है. जो हमें हमारे बच्चों को विकसित करने का रास्ता दिखाती है.
जन आकांक्षा की नई सरकार का लक्ष्य 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों को मुफ्त और गुणवत्ता पूर्ण प्राथमिक शिक्षा सुनिश्चित कराना है. बिहार में इंटर पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ने या दूसरे राज्यों में पलायन करने वाले छात्र-छात्राओं को बिहार में ही बेहतर व्यवस्था देना है. बिहार में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में सुधार की गुंजाइश है. शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सम्मानित आवाम से जानना चाहता हूं क्या आप शिक्षा के बिना शिक्षक बन अपने बच्चों के भविष्य को संवार पाते या संवारने की कल्पना कर सकते.
शिक्षा मंत्री ने अपील करते हुए कहा आप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास करें, सरकार आपके सम्मान व सारी संभव सुविधाओं का ख्याल करेगी. इसकी महत्ता को समझते हुए शैक्षणिक संस्थान से जुड़े हुए कुलपतियों, अधिकारियों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, अभिभावकों व कर्मचारियों से आग्रह है कि वर्ग कक्ष व प्रायोगिक कक्ष को नियमित संचालित करें राज्य व देश निर्माण के कर्णधार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले यह सुनिश्चित करें. इसके लिए मजबूरी में किसी प्रकार की कार्रवाई चिंताजनक होगी. उन्होंने कहा कि बदलेगा बिहार बढ़ेगा बिहार नया इतिहास बढ़ेगा