पटना. नीतीश कुमार की सरकार ने शिक्षकों को शराब माफिया के बारे में जानकारी देने का जो आदेश निकाला है, उस पर राज्य के शिक्षा मंत्री की सफ़ाई आ गयी है. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सफाई दी है कि शिक्षकों को शराब पकड़ने के लिए टारगेट नहीं दिया है. जैसे सरकार ने हर नागरिक से शराब की सूचना देने की अपील की है, वैसे ही शिक्षकों से भी की गयी है. उन्होंनन्कहा कि मीडिया ने सब कंफ्यूजन पैदा किया है.
विजय चौधरी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार ने हर नागरिक से अपील की है कि वे शराब पीने औऱ बेचने वालों की खबर दें. वही बात हमारे विभाग ने शिक्षकों से की है. उनसे अपील की गयी है कि वे शराबबंदी को सफल बनाने में सहयोग करें. उनको जबरदस्ती कोई टारगेट तो नहीं दिया गया है कि वे सप्ताह में इतनी सूचना दें. उन पर कोई प्रेशऱ नहीं दिया गया है. उनको कोई एडिशनल ड्यूटी नहीं दे दी गयी है. ये सब अनावश्यक भ्रम पैदा किया जा रहा है.
मंत्री के बयान के बाद बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने भी सफाई देते हुए कहा कि बिहार में समाज सुधार अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में सभी लोगों की भागीदारी जरूरी है. शिक्षक बेहतर समाज बनाने के लिए कार्य करते हैं. समाज सुधार अभियान में भी भागीदारी जरुरी है. शिक्षकों के लिए निर्देश नहीं बल्कि अपील की है.
दरअसल सरकार की ओर यह सफाई शिक्षकों में आक्रोश भड़कने के बाद आयी है. शराबबंदी कानून का पालन कराने के लिए शराबियों को पकड़वाने के आदेश से आक्रोशित शिक्षकों ने राज्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दे दी थी. बिहार के सभी शिक्षक संघों ने इसके खिलाफ आंदोलन का एलान कर दिया था.
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता मुस्तफा आजाद ने कहा है कि शिक्षक 5 जनवरी के बाद सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे. वहीं, बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालय पर 30 जनवरी रविवार को अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के आदेश पत्र की प्रति जलाकर विरोध करने का एलान कर दिया था.