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बिहार के 90 फीसदी बच्चों की अब तक नहीं बन पाई शैक्षणिक कुंडली, 37 जिलों के डीपीओ का वेतन रुका

राज्य परियोजना निदेशक बी कार्तिकेय धनजी ने वैशाली जिला को छोड़ सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया हैं. नोटिस में साफ कर दिया है कि जब तक जिलों में शैक्षणिक प्रोफाइल की प्रगति 80 फीसदी नहीं हो जाती, जब तक सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों का वेतन स्थगित रखा जाए.

बिहार के कक्षा एक से 12 तक में पढ़ रहे 2.73 करोड़ स्कूली बच्चों की शैक्षणिक प्रोफाइल (कुंडली) तैयार की जा रही है. इस कुंडली के जरिये स्कूली बच्चों को ट्रैक किया जा सकेगा. तैयार की जा रही शैक्षणिक प्राेफाइल में बच्चे का नाम, जन्म तिथि, माता-पिता का नाम, विभिन्न कक्षाओं के अंक पत्र, जन्म स्थान सहित सभी तरह की निजी और शैक्षणिक जानकारी होगी. जैसे ही बच्चा कक्षा या स्कूल छोड़ेगा, इस प्रोफाइल के जरिये शिक्षा विभाग जान जायेगा कि किसका और किस मोहल्ले और मकान में रहने वाला बच्चा स्कूल नहीं आ रहा है. इस तरह इस स्टूडेंट प्रोफाइल से बच्चे का तमाम तरह के शैक्षणिक रिकार्ड को हासिल किया जा सकेगा. इस प्रोफाइल के और भी तमाम फायदे होंगे.

यूडाइस पोर्टल पर अपलोड होगी जानकारी 

जानकारों का कहना है कि इस प्रोफाइल के जरिये भविष्य में किसी भी बच्चे की जरूरत पड़ने पर पृष्ठभूमि भी जानी जा सकेगी. जानकारी मुताबिक भारत सरकार के यूडाइस पोर्टल पर अपलोड रहेगी. अभी तक यूडाइस पोर्टल पर केवल बच्चे का नाम रहा करता था. फिलहाल शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इस योजना पर शिक्षा विभाग काम कर रहा है.

2022-23 में 2.73 करोड़ बच्चों का नामांकन

शैक्षणिक सत्र 2022-23 में 2.73 करोड़ बच्चों के नामांकन किये गये थे. 26 अप्रैल तक इसमें 22.44 लाख बच्चों के शैक्षणिक प्रोफाइल बनायी जा चुकी है. अभी भी करीब सवा दो करोड़ से अधिक बच्चों की प्रोफाइल बननी बाकी है. अभी केवल 9.91% बच्चों की ही शैक्षणिक प्रोफाइल बन सकी की है. शिक्षा विभाग इस लेटलतीफी पर बेहद गंभीर चिंता जाहिर की है. दरअसल, 26 अप्रैल तक केवल वैशाली जिला ही ऐसा रहा, जिसने 57% से अधिक नामांकित बच्चों की प्रोफाइल अपलोड कर दी है. शेष जिलों की स्थिति खराब है.

37 जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों का वेतन रोका

इस पर राज्य परियोजना निदेशक बी कार्तिकेय धनजी ने वैशाली जिला को छोड़ कर शेष सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिये हैं. नोटिस में साफ कर दिया है कि जब तक जिलों में शैक्षणिक प्रोफाइल की प्रगति 80 फीसदी नहीं हो जाती, जब तक सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों का वेतन स्थगित रखा जाए. जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इससे निर्देश से अवगत करा दिया गया है.

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शैक्षणिक प्रोफाइल की प्रगति एक या एक फीसदी से भी कम

  • जिला- तैयार प्रोफाइल (प्रतिशत में )

  • अररिया- 0.95

  • गया- 0.19

  • गोपालगंज-0.27

  • किशनगंज- 0.27

  • मधेपुरा- 0.11

  • रोहतास- 0.65

  • सहरसा- 0.87

एक से पांच फीसदी से कम प्रोफाइल तैयार करने वाले जिले

अरवल, बांका, भागलपुर, बक्सर, कैमूर, खगड़िया, मधुबनी, मुजफ्फरपुर,नालंदा, पूर्णिया, सुपौल मुख्य हैं.

संतोषजनक रिकार्ड रखने वाले जिले

वैशाली में 57.47%, शेखपुरा में 34.20%, समस्तीपुर 43.30%, दरभंगा में 22%, मुंगेर में 16.49% और सारण में 16.24% बच्चों की शैक्षणिक प्रोफाइल तैयार है. पटना में भी प्रगति 10% से कम ही है.

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