Effect of Corona : बिहार के इस स्मार्ट शहर के लोगों ने झेली आर्थिक मार, सोना गिरवी रख छह हजार लोगों ने लिया कर्ज
कोरोना महामारी ने कई लोगों की जमा पूंजी भी खत्म कर दी है. एक तरफ इलाज का भारी भरकम खर्च तो दूसरी तरफ लॉकडाउन की वजह से काम धंधा बंद रहने की वजह से कई लोगों पर दोहरी आर्थिक मार पड़ी है.
कुमार गौरव, मुजफ्फरपुर : कोरोना महामारी ने कई लोगों की जमा पूंजी भी खत्म कर दी है. एक तरफ इलाज का भारी भरकम खर्च तो दूसरी तरफ लॉकडाउन की वजह से काम धंधा बंद रहने की वजह से कई लोगों पर दोहरी आर्थिक मार पड़ी है. ऐसे में कई लोगों को सोने के जेवर बैंक व निजी संस्थाओं में गिरवी रखकर लोन लेना पड़ा है.
अप्रैल व मई माह में बैंक व निजी संस्थाओं से करीब छह हजार से अधिक लोगों ने गोल्ड लोन लिया है. उनमें मध्यम वर्ग के अलावा व्यवसायी वर्ग भी शामिल हैं. गोल्ड लोन का ब्याज 7.25 से 10 प्रतिशत है. बैंक व निजी वित्तीय संस्थाओं में दो से तीन घंटे में यह लोन उपलब्ध हो जाता है. गोल्ड लोन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोसेसिंग चार्ज व जांच शुल्क कहीं माफ तो कई बैंकों में उसमें बहुत छूट रहती है.
60 से 80 % तक लोन. बैंक ग्राहक को गोल्ड वैल्यू का 60 से 80 प्रतिशत तक लोन देता है. अभी जहां शहरी क्षेत्र के शाखाओं में प्रतिदिन 3 से 5 गोल्ड लोन लेने ग्राहक पहुंचते है. पहले एक सप्ताह में 5 से 8 आवेदन आते थे.
बैंक भी आसानी से देते हैं लोन
गोल्ड लोन देने में बैंक भी लचीला रुख अपनाती है, क्योंकि यह बैंक के लिए बहुत ही सिक्योर होता है. अगर ग्राहक लोन नहीं चुका पाये तो उनका गोल्ड बैंक के पास सुरक्षित रहता है. यह लोन बहुत कम एनपीए होता है, ग्राहक एक से दो साल अधिकतम तीन साल में कर्ज चुकाकर गोल्ड बैंक से वापस ले लेते है.
बीपीबीइए के महामंत्री चंदन कुमार ने बताया कि अचानक से बीते दो माह में गोल्ड लेने वाले ग्राहकों की संख्या काफी बढ़ी है. यह लोन आसानी से उपलब्ध होता है इसलिए ग्राहकों का रूझान इसमें बढ़ा है.
Posted by Ashish Jha