पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में विजयदशमी पर श्री दशहरा कमिटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित रावण दहन के कार्यक्रम में बुराई के प्रतीक रावण का पुतला दहन किया गया. यहां देखते-देखते 70 फिट का रावण का पुतला धू-धू कर जल गया. कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इसके बाद भगवान राम को तिलक लगाया गया और उनकी आरती उतारी गई. इसके बाद लंका दहन हुआ और फिर श्रीराम ने तीर चलाकर बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन कर दिया. इस दौरान गांधी मैदान में पहुंची लाखों की भीड़ ने जय श्री राम के नारे लगाए.
सबसे पहले हुआ लंका दहन
इससे पहले राम, लक्ष्मण और वानर सेना की झांकी गांधी मैदान पहुंची और फिर हनुमान जी द्वारा अशोक वाटिका से माता सीता को मुक्त करा कर लंका दहन किया गया. इसके बाद यहां प्रभु श्रीराम और दशानन रावण के बीच युद्ध का नजारा भी देखने को मिला. भगवान श्रीराम ने सबसे पहले कुंभकर्ण फिर मेघनाद और आखिर में रावण का वध किया.
70 फीट का पुतला बनाया गया था रावण का
असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक दशहरा को लेकर पटना के गांधी मैदान में इस बार 70 फीट का रावण, 65 फीट का मेघनाद और 60 फीट का कुम्भकर्ण का पुतला बनाया गया था. इस बार रावण का पुतला ग्रीन पटाखों से बनाया गया था. साथ ही रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण को खड़ा करने के लिए सीमेंटेड चबूतरा भी बनाया गया था. रावण दहन देखने के लिए लाखों की भीड़ पहुंची. इसे देखते हुए प्रशासन द्वारा कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी.
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ये रहे मौजूद
रावण दहन के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, लालू यादव सहित कई अन्य मंत्री और अफसर मौजूद रहे. कार्यक्रम में पटना एवं आसपास के क्षेत्र से लाखों की संख्या में लोग पहुंचे.