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बिहार में फर्जी चेक से फिर 4.50 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के प्रयास, जालसाज गिरफ्तार

कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित बैंक ऑफ इंडिया में जालसाज विवेक कुमार 29 दिसंबर को पहुंचा और उसने टेंपल ट्री इंपेक्स फर्म के 4.50 करोड़ के जाली चेक को दूसरे के खाते में स्थानांतरित कराने की कोशिश की.

पटना. कोतवाली थाना क्षेत्र में एक बार फिर से 4.50 करोड़ रुपये को दूसरे के खाते में स्थानांतरित करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है.

हालांकि बैंक प्रशासन की सजगता से करोड़ों रुपये उड़ाने की जालसाजों की साजिश फेल हो गयी और जालसाज औरंगाबाद निवासी विवेक कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.

जानकारी के अनुसार, कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित बैंक ऑफ इंडिया में जालसाज विवेक कुमार 29 दिसंबर को पहुंचा और उसने टेंपल ट्री इंपेक्स फर्म के 4.50 करोड़ के जाली चेक को दूसरे के खाते में स्थानांतरित कराने की कोशिश की.

हालांकि बैंक मैनेजर ने इतनी बड़ी राशि को दूसरे के खाते में स्थानांतरित करने के पूर्व जांच की और संबंधित कंपनी से इ-मेल व फोन के माध्यम से संपर्क किया.

इस दौरान ही जालसाज की पोल खुल गयी. इसके बाद कोतवाली पुलिस को सूचना दी गयी और जालसाज विवेक कुमार पकड़ा गया. जिस कंपनी का चेक है, उसका भी एकाउंट बैंक ऑफ इंडिया में है.

खाते में करना था स्थानांतरित

जानकारी के अनुसार, जालसाज विवेक कुमार ने 4.50 करोड़ का चेक बैंक को दिया. इसे सत्यम श्री नाम के किसी व्यक्ति के खाते में स्थानांतरित करना था. कोतवाली थानाध्यक्ष सुनील सिंह ने गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया कि हर पहलू पर जांच जारी है.

जिस खाते में रुपये स्थानांतरित करने थे, उसके संबंध में भी छानबीन की जा रही है. उन्होंने बताया कि पकड़े गये आरोपित को जेल भेज दिया गया है और आवश्यकता पड़ने पर रिमांड पर लिया जायेगा.

क्लोन चेक के माध्यम से व्यवसायी के एक लाख उड़ाये

जालसाजों ने जगदेवपथ निवासी व हर्ष कंप्यूटर दुकान के व्यवसायी पवन कुमार के खाते से क्लोन चेक के माध्यम से एक लाख रुपये हरिद्धार निवासी रोहित मेहरा के एसबीआइ के खाते में स्थानांतरित कर लिया.

पवन कुमार ने गांधी मैदान थाने में लिखित शिकायत की है. पवन कुमार का खाता भी एक्जीविशन रोड स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में है. जहां से 11.73 करोड़ उड़ाने के प्रयास में शुभम गुप्ता गिरफ्तार किया जा चुका है.

विभिन्न बैंकों का पुलिस ने किया निरीक्षण

गांधी मैदान थाना क्षेत्र स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में घटी घटना के बाद सभी बैंकों के साथ सभी थानों की पुलिस सतर्क हो गयी है.

इसी क्रम में सोमवार को एसकेपुरी थाने की पुलिस ने क्षेत्र के कई बैंकों का निरीक्षण किया. इस दौरान थानाध्यक्ष सतीश कुमार सिंह ने बैंक की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. साथ ही कई दिशा-निर्देश भी दिये.

क्लोनिंग से पैसे निकासी पर बैंकों की भूमिका की होगी जांच

इधर, फर्जी या क्लोनिंग कर चेक से पैसा निकासी की बढ़ रही घटनाओं पर पुलिस विभाग की आर्थिक अपराध इकाई ने संज्ञान लिया है. इकाई की ओर से निर्देश जारी कर सभी संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक से जांच करने को कहा जा रहा है.

आखिर बगैर बैंकों की सहमति के चेक से बड़ी निकासी कैसे हो जा रही है. जबकि, नियमानुसार 50 हजार या उससे अधिक राशि होने पर निकासी से पहले बैंक को फोन, एसएमएस आदि के माध्यम खाताधारक से वेरिफिकेशन करना जरूरी है.

स्पेशल ब्रांच के एडीजी जीएस गंगवार ने बताया कि इस तरह की घटनाओं में अब बैंकों की भूमिका की जांच करने के लिए जिला पुलिस को कहा गया है. पुलिस को इस बिंदु पर भी जांच करना है कि ऐसी घटनाओं में बैंक या कोई कर्मचारी किस हद तक दोषी हैं.

प्रोफेसर के 45 लाख उड़ाये

दूसरी घटना पटना के ही चौक थाना क्षेत्र में एसोसिएट प्रोफेसर शहनाज फातमा के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया झाऊगंज शाखा में जमा राशि 45 लाख 38 हजार की निकासी चेक क्लोनिंग कर हैदराबाद, पटना, मुंबई, हरियाणा और नयी दिल्ली से छह बार में विभिन्न बैंक खाताओं ट्रांसफर किया गया था.

क्या कहते हैं नियम

एक जनवरी से भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटिफिकेशन जारी कर ‘सकारात्मक भुगतान व्यवस्था’ शुरू करने का निर्देश दिया है. इसके तहत 50 हजार से अधिक निकासी पर भुगतान वाले चेक के लिए महत्वपूर्ण ब्योरा के बारे में दोबारा से पुष्टि करने की जरूरत होगी. यह सुविधा को वैकल्पिक तौर पर रखा गया है, लेकिन पांच लाख या उससे अधिक निकासी पर यह व्यवस्था अनिवार्य की गयी है.

Posted by Ashish Jha

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