सीवान: प्रचंड गर्मी का असर भले ही दिन में दिख रहा है, पर शाम होते ही शहर के बाजार गुलजार हो जा रहे हैं. दिन ढलने के साथ ही बाजारों में लोगों की खासी भीड़ दिखने लग रही है. ईद त्योहार को लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. सेवइयां, खजूर, फल आदि की दुकानें बाजार में देर रात तक खुल रही हैं. ईद का पर्व पर भीड़भाड़ से बचने के लिए लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है. हालांकि दिन में तेज धूप रहने के कारण अधिकतर लोग शाम के समय खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं. बाजार में देर शाम तक जूता, कपड़ा, नमकीन समेत अन्य खाद्य पदार्थों की लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं. शहर समेत ग्रामीण अंचलों में ईद पर्व को लेकर मुस्लिम भाईयों में जबर्दस्त उत्साह है. लेकिन दिन में तीखी धूप व गर्मी के कारण लोग देर शाम तक बाजार में सामानों की खरीददारी के लिए दिखायी दे रहे हैं.
जिला मुख्यालय के टेलहट्टा बाज़ार,शहीद सराय, मुख्य बाजार, थाना रोड, पकड़ी मोड़, अस्पताल रोड आदि बाजारों में देर शाम तक खरीददारी को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल रह रहा है. ईद के लिए खासकर कपड़े और जूता-चप्पल की दुकानों में अधिक भीड़ देखी जा रही है. यह स्थिति शहर से लेकर ग्रामीण इलाके के बाजारों तक है. इससे बाजारों में रौनक आ गयी है. कपड़ा दुकानदारों ने भी कोलकाता, मुंबई, लखनऊ आदि जगहों से रंग-बिरंगे परिधानों का स्टॉक मंगवा लिया है. महिलाएं जहां साड़ी लहंगा, सूट व अन्य कपड़ों की खरीदारी कर रही हैं वहीं, पुरुष वर्ग कुर्ता, पायजामा, बंडी आदि की खरीदारी करते दिख रहा है. इसके अलावा महिलाएं सजने-संवरने के लिए सौंदर्य प्रसाधन व गहनों की भी खरीदारी कर रही हैं. पुरुष व महिला दोनों वर्ग जूते-चप्पल व अन्य सामान की खरीदारी कर रहे हैं. ईद की नमाज के लिए नए परिधान समेत घरों में बनने वाली लजीज सेवई समेत अन्य पकवानों में प्रयुक्त होने वाली सामग्री की खरीदारी लोगों ने तेज कर दी है.
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एक तरफ लग्न तो दूसरी तरफ ईद का बाजार चल रहा है. ईद के त्योहार को लेकर लोग अपने मन पसंद के कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं. टेलर्स की दुकानों पर हाऊस फूल है. दर्जी औकात से अधिक काम ले रखे हैं. ऐसे में लोग कपड़ा सिलवाने की जगह रेडिमेड ही खरीद रहे हैं. वहीं बाजार में एक से एक टोपी दुकानदारों ने मंगाया गया है. बाजार में डिजाइन वाले टोपी की कमी न हो जाये इसलिए लोग पहले ही टोपी की खरीदारी कर रहे हैं.
कपड़ा व्यवसायियों ने बताया कि इस बार ईद में अच्छी बिक्री होगी. बीते दो वर्ष कोरोना के चलते लोगों में उत्साह कम था. इस वर्ष लोग अभी से ही अच्छी खासी खरीदारी कर रहे हैं. ईद को लेकर बाजार में दुकानदारों ने ग्राहकों के लिए एक से बढ़कर एक डिजाइन वाले परिधानों की सेट मंगाया है
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ईद हो या लग्न सभी के लिए अब डिजिटल युग में खरीदारी करना आसान हो गया है. यदि युवा वर्ग की बात करे तो आज कल सबसे अधिक युवा वर्ग के लोग डिजिटल युग का फायदा उठा रहे है. क्योंकि इसमें मनचाहे समान घर तक पहुंच जा रहा है.
रमजान का पाक माह चल रहा है. आगामी 22 अप्रैल को ईद का त्योहार हो सकता है. इसको लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गयी है. बाजार में कपड़ा की दुकानों से लेकर सेवई, ड्राइ फ्रूट आदि की दुकानों पर खरीदारों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर टोपी की दुकानों पर लोग अपनी मनपसंद टोपियों की खरीदारी करते दिखे. रमजान इबादत का महीना है. इबादत के वक्त मुसलमान सिर पर टोपी लगाते हैं. दुकानदारों की मानें तो इस महीने में टोपियों की अच्छी बिक्री चल रही है. त्योहार को लेकर बाजार में एक से एक डिजाइन में देसी व विदेशी टोपियां उपलब्ध हैं. बाजारों में विदेशी टोपियों की डिमांड बढ़ गयी है. दुकानदारों ने दिल्ली और कोलकता की मंडी से देसी और विदेशी टोपी मंगा रखी है. मुख्य बाजार के परवेज ने बताया कि इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान, तुर्की, अरगुलगाजी की टोपी की मांग अधिक है. उन्होंने बताया कि विदेश से आने वाली टोपियों में सबसे ज्यादा तुर्की की टोपी की डिमांड है. तुर्की की टोपी काटन की बनी होती है. इसको पहनने से लेकर इसको रखने में लोगों को आसानी होती है. इसलिए सबसे ज्यादा तुर्की की टोपी पसंद की जाती है. इसी तरह से फैंसी टोपियों में डिमांड ईद के समय पर बढ़ जाती है, जिसमें सबसे ज्यादा पाकिस्तानी और बांग्लादेशी टोपियां लोग पसंद करते हैं, जो कुर्ते और पायजामे के साथ ज्यादा अच्छी लगती है.
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दुकानदारों की मानें तो पिछले साल के मुकाबले टोपियों के भाव में 10 प्रतिशत इजाफा हुआ है. महंगाई बढ़ने के बावजूद लोग अपनी पसंद की टोपियां खरीद रहे हैं. उन्होंने बताया कि अफगानी टोपी 80 से 200 रुपये, पाकिस्तानी टोपी 80 से 250 रुपये, इंडोनेशिया की टोपी 20 से 60 रुपये, बांग्लादेशी टोपी 60 से 200 रुपये, तुर्की टोपी 20 से 100 रुपये, अरतगुलगाजी टोपी 200 से 500 रुपये पीस के भाव से बिक्री की जा रही है. इसी तरह से दस्तरखान 120 रुपये से 200 रुपये पीस, सूरमा ममीरा 30 से 50 रुपये शीशी का भाव है. इसी तरह से कन्नौज, मुंबई और रतलाम का इत्र 20 रुपये से 300 रुपये प्रति शीशी भाव है.