निर्वाचन आयोग ने पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को लेकर बड़ा कदम उठाया है. आयोग ने 198 क्षेत्रीय दलों पर कार्रवाई करते हुए उनको डीलिस्ट में डाल दिया है. हालांकि लिस्ट में ऐसे दल ही शामिल हैं जिनका कोई खास अस्तित्व नहीं है. एक दिन पहले आयकर विभाग ने आरयूपीपी और उनसे जुड़ी संस्थाओं, ऑपरेटरों और अन्य के खिलाफ कई राज्यों में छापेमारी की थी. इन सभी राजनीतिक दलों पर संदिग्ध फंडिंग जुटाने के बाद कर चोरी करने का आरोप है.
चुनाव आयोग के द्वारा देशभर में बड़ी कार्रवाई करते हुए 86 बिना अस्तित्व वाले पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को लिस्ट से हटा दिया है. इसके साथ ही, 253 पंजीकृत गैर- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को इनएक्टिव घोषित कर दिया है. गौरतलब है कि चुनाव आयोग के सीमित अधिकारों को लेकर हाल में काफी बहस हुई थी. इसमें आयोग को पार्टी के द्वारा पार्दशिता न रखने या चुनाव में गड़बड़ी करने पर पार्टी को रद्द करने का अधिकार देने की बात की जा रही थी. ऐसे में देश में इस बड़ी कार्रवाई से सब का ध्यान आयोग की तरफ चला गया है.
देश में पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की संख्या काफी है. ये ऐसे दल होते हैं जो राज्यस्तरीय दल की पहचान हासिल करने के लिए विधानसभा चुनाव या राज्य की आम चुनावों में पर्याप्त प्रतिशत वोट हासिल नहीं कर पाते हैं. इसके अलावे कई दल ऐसे होते हैं जो राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होते हैं. मगर कभी चुनाव नहीं लड़ते हैं. उन्होंने गैर-मान्यता प्राप्त दल की श्रेणी में रखा जाता है. ऐसे दलों को मान्यता प्राप्त दलों को मिलने वाली सहुलियत नहीं मिलती है.
– अल्पजन समाज पार्टी सासाराम, रोहतास, बिहार
– भारतीय लोकतांत्रिक पार्टी (गांधी-लोहियावादी) पटना, बिहार
– भारतीय जनता कांग्रेस (राष्ट्रीय) पटना, बिहार
– प्रजातांत्रित लोक एकता दल पटना, बिहार
– राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी (सेक्यूलर) पटना, बिहार
– राष्ट्रीय कमजोर वर्ग पार्टी पटना, बिहार
– राष्ट्रीय लोक सेवा मोर्चा पटना, बिहार
– सामाजिक जनतांत्रिक पार्टी गोपालगंज, बिहार