By Election Result: देशभर की नजरें आज कई चुनाव परिणामों पर टिकी है. एकतरफ जहां गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आना है वहीं बिहार में कुढ़नी उपचुनाव में पड़े वोटों की गिनती भी आज गुरुवार को की जा रही है. सुबह आठ बजे से काउंटिंग शुरू कर दी गयी है. वहीं सभी जगहों से रूझानों का आना भी शुरू हो गया है. आइये जानते हैं कि रूझानों से लेकर परिणाम जारी होने तक की प्रक्रिया में कैसे उतार चढ़ाव आते हैं.
सुबह आठ बजे से लोगों की नजरें चुनाव परिणामों पर टिकी हुई हैं. लोग न्यूज चैनल और काउंटिंग सेंटर पर टकटकी लगाकर परिणाम से जुड़े हलचल जानने में लगे हुए दिखते हैं. जैसे ही वोटों की गिनती शुरू की जाती है लोगों की सांसे थमती नजर आती है. एक उदाहरण के तौर पर बिहार के कुढ़नी उपचुनाव में पड़े वोटों की गिनती की जा रही है. यहां कुल 23 राउंड में वोटों की गिनती की जाएगी. पहले राउंड की गिनती के बाद ही रूझान सामने आने लगे हैं. जिसके बाद जिसके पक्ष में रूझान आता है उसके समर्थक खुश तो जो रूझान में पीछे रहे उसके समर्थक निराश दिखने लगते हैं.
रूझानों को देखकर खुश या निराश होना कहीं से उचित नहीं है. दरअसल, जैसे-जैसे मतगणना की प्रक्रिया आगे बढ़ती है, माहौल बदलना भी शुरू हो जाता है. कई बार जो आगे है वो पीछे तो जो पीछे है वो आगे निकल आता है. कई बार आगे चल रहे उम्मीदवार राउंड दर राउंड आगे भी दिखते हैं. ये सब कैसे होता है. समझिये…
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दरअसल, अगर 1 राउंड में 14 बूथों के ईवीएम अलग-अलग टेबल पर खोले गये तो इनमें अगर अधिकतर ईवीएम X उम्मीदवार को अधिक पड़े वोट वाले क्षेत्रों का है तो वो प्रत्याशी आगे दिखता है. लेकिन अगले राउंड या कुछ राउंड बाद अगर Y उम्मीदवार को अधिक वोट पड़े क्षेत्रों के ईवीएम खुले तो वो आगे दिखने लगता है. इसी तरह शह और मात का खेल आगे बढ़ते जाता है.
काउंटिंग के दौरान अगर वोटों के बीच का अंतर बड़ा होता चला जाता है और बचे हुए ईवीएम की संख्या कम रहती है तो आगे बढ़े प्रत्याशी के खेमे में जीत को पक्की मानकर जश्न की तैयारी शुरू हो जाती है. लेकिन तमाम वोटों को गिने जाने के बाद ही फाइनल रिजल्ट जारी होता है. प्रत्याशी अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेकर ही आश्वस्त होते हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan