बिहार के लोगों की पहली पसंद बन रही इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड कार, डेढ़ गुणा बढ़ गयी संख्या, जानें क्या है कारण
पेट्रोल और डीजल से होने वाले प्रदूषण और इनकी लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान लोग अब दूसरे ईंधन वाले वाहनों की ओर धीरे-धीरे आकर्षित हो रहे हैं. ऐसे में देश भर में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले कुछ साल से भारत में इलेक्ट्रिक वाहन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.
Bihar: पेट्रोल और डीजल से होने वाले प्रदूषण और इनकी लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान लोग अब दूसरे ईंधन वाले वाहनों की ओर धीरे-धीरे आकर्षित हो रहे हैं. ऐसे में बिहार के लोगों को इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों (Bihar Electric and Hybrid Cars) की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले कुछ साल से भारत में इलेक्ट्रिक वाहन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. दोपहिया और चार पहिया वाहनों के अलावा, बड़े शहरों में सिटी बसों जैसे कई सार्वजनिक परिवहन वाहनों को इलेक्ट्रिक से चलने लगी है. लेकिन चार्जिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है के कारण लंबी यात्रा इन वाहनों से नहीं हो पाती है. इससे निपटने के लिए, कंपनियां अब हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों को बाजार में लायी है. ये ऐसी कारें हैं जो पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों के फायदों को एक ही कार में देती हैं.
पिछले साल पटना में रजिस्टर्ड हुए 7,988 इलेक्ट्रिक वाहन
पटना डीटीओ में पिछले छह वर्षों को मुकाबले वर्ष 2022 में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड किए गए. वर्ष 2022 में 4267 ई-रिक्शा और 3235 ई–स्कूटर रजिस्टर्ड हुए. इसके अलावा ई-रिक्शा विथ कार्ट की संख्या 329 है. बिहार में वर्ष 2017 में केवल पटना में 954 इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए थे. वहीं, ये संख्या छह वर्ष में पटना में 7,988 हो गई है. हालांकि, वर्ष 2022 में बिहार में 124 इलेक्ट्रिक कार रजिस्ट हुई. हालांकि, कई टू व्हील ऐसे हैं जो इलेक्ट्रिक तो हैं, मगर उन्हें रजिस्टर्ड कराने की जरूरत नहीं होती. ऐसी, टू व्हीलर की भी काफा संख्या है.
क्या है हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक व्हीकल्स
हाइब्रिड वाहनों या एचइवी में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन चलने के लिए पेट्रोल का दहन का करते हैं, जिससे कार के इंजन में ईंधन के नियंत्रित स्थिति जलने से गर्मी और गति दोनों के रूप में ऊर्जानिकलती है और वाहन चलने लगाता है. उसी वाहन में कुछ बदलाव करके इलेक्ट्रिक यानीबैट्री से चलाने की व्यवस्था होती है. जबबैट्री खत्म हो जाय तो डीजल व पेट्रोल पर भी वाहन चलने लगे. वहीं एक इलेक्ट्रिक कार में न तो इंजन होता है और न ही गियर. इसमें पॉवर के लिए एक रिचार्जेबल बैटरी होती है, और वाहन इलेक्ट्रिक मोटर की मदद से चलता है.
क्या होता है फायदा
हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के उपयोग से एक तरफ जहां पेट्रो उत्पाद की खपत में कमी आती है, वहीं, प्रदूषण भी कम होता है. जिस तरह से बिहार जैसे राज्यों में प्रदूषण का स्तरबढ़ रहा है, उस परनियंत्रण करना जरूरी है. इसके नियंत्रण का एक बड़ा कारक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हो सकता है. हालांकि अभी तकनीक नयी होने के कारण इन वाहनों की कीमत पेट्रोल व डीजल पर चलने वाले वाहनों की तुलना में अधिक है.