बिहार में महंगी होगी बिजली, कंपनी की याचिका हुई स्वीकार, आयोग लेगा आम लोगों की राय
बिहार में इस बार बिजली कंपनी ने सभी श्रेणी की बिजली दरों में 10 फीसदी तक समेकित वृद्धि का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव पर जनता की राय लेने के बाद आयोग मार्च में इसपर अंतिम फैसला लेगा.
पटना. बिहार में बिजली महंगी हो सकती है. बिजली दरों में वृद्धि को लेकर बिजली कंपनियों द्वारा दायर याचिका को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने स्वीकार कर लिया है. अब आयोग जनवरी और फरवरी माह में पटना सहित बिहार के पांच शहरों में शिविर लगा कर प्रस्तावित दरों पर आम लोगों से राय लेगा.
जनवरी-फरवरी में जनसुनवाई पूरी कर मार्च महीने में नयी दरों की घोषणा कर दी जायेगी. बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनी की याचिका स्वीकृत कर बिजली दर तय करने की विधिवत प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
पहली जन सुनवाई 13 जनवरी 2022 को कैमूर (भभुआ) में होगी. 21 जनवरी को पूर्णिया कलेक्ट्रियट, 28 जनवरी को बेतिया कलेक्ट्रियट और तीन फरवरी को भागलपुर जिला कलेक्ट्रियट में कंपनी की याचिका पर सुनवाई की जायेगी. अंतिम जन सुनवाई पटना में 11 फरवरी को बिहार विद्युत विनियामक आयोग के सभागार में होगी.
घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दर तय करने के लिए नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अलग-अलग याचिका दायर की है. इस बार बिजली कंपनी ने सभी श्रेणी की बिजली दरों में 10 फीसदी तक समेकित वृद्धि का प्रस्ताव दिया है.
टैरिफ स्लैब में किया गया था बदलाव
बिहार इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने पिछले अप्रैल में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ स्लैब की संख्या को मौजूदा चार से घटाकर अब तीन कर दिया था. 201 से 300 यूनिट और 301 या उससे ऊपर के स्लैब को मिला दिया गया है. यानी अभी यह स्लैब ‘201 और उससे अधिक’ का बना दिया गया है. इसके अलावा, बिजली बिलों का भुगतान करने में देरी करने वालों को प्रति माह 1.5 फीसदी लेट पेमेंट सरचार्ज देना पड़ रहा है, जो पहले नहीं था. प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए 3 फीसदी की छूट के प्रस्ताव को भी आयोग आगे जारी रख सकता है.