पटना . राज्य में उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर में औसतन 0.63 फीसदी बढ़ोतरी का फैसला बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने दिया है. वहीं मीटर रेंट या फिक्स चार्ज नहीं बढ़ाया गया है. प्रीपेड स्मार्ट मीटर के बिजली बिल में तीन फीसदी की छूट मिलेगी.
आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने शुक्रवार को विद्युत भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि एनबीपीडीसीएल और एसबीपीडीसीएल ने बिजली दरों में औसतन 9.22 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की थी. इस पर जन सुनवायी के बाद औसतन केवल 0.63 फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया.
यह निर्णय एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक या आयोग के अगले टैरिफ आदेश तक प्रभावी रहेगा. फैसला सुनाने के दौरान आयोग के सदस्य आरके चौधरी और सुभाष चंद्र चौरसिया मौजूद रहे.
विनियामक आयोग के फैसले के बाद अब सरकार की तरफ से बिजली पर सब्सिडी की घोषणा का इंतजार है. उसके आधार पर ही 2021-22 के लिए बिजली उपभोक्ताओं के लिए नयी बिजली दरें तय होंगी. आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने अपने फैसले में दोनों बिजली वितरण कंपनियों को कई आदेश दिया है.
दोनों कंपनियों की क्षति का लक्ष्य 2021-22 में 15 फीसदी निर्धारित किया गया है. इससे अधिक क्षति पर उसकी राशि उपभोक्ताओं पर नहीं थोपी जायेगी. आयोग ने वितरण कंपनियों से कहा है कि 2021-22 में कुल खपत ऊर्जा का 17 फीसदी नवीकरणीय ऊर्जा खरीद कर की जाये.
डीएस एक और दो के मौजूदा चार स्लैबों की जगह तीन स्लैब के प्रस्ताव को शर्तों के साथ मंजूरी दी गयी है. लोड फैक्टर छूट के प्रस्ताव को हाइटेंशन के अलावा एचटीएसएस श्रेणी में भी मंजूरी दी गयी है. बिजली से चलने वाले वाहन के लिए अलग श्रेणी बनायी गयी है. इनर्जी एकाउंटिंग, सही बिल बनाने और राजस्व वसूली बढ़ाने, उपभोक्ताओं की शिकायतों का ऑनलाइन निपटारा करने सहित अन्य आदेश दिये गये हैं. आयोग इसके पालन की लगातार समीक्षा करेगा.
दोनों वितरण कंपनियों के अनुसार 31 मार्च 2020 तक राज्य में कुल एक करोड़ 58 लाख 77 हजार 310 बिजली उपभोक्ता हैं. 2021-21 में एक करोड़ 66 लाख 60 हजार 541 और 2021-22 में अनुमानित एक करोड़ 75 लाख 24 हजार 67 उपभोक्ता होंगे. वहीं दोनों वितरण कंपनियों का 2021-22 में 24972.64 एमयू बिजली बेचने का प्रस्ताव है.
राज्य सरकार ने बिजली कंपनी को मिलने वाली सब्सिडी की राशि में इस साल बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. इस साल 2021-22 में यह राशि करीब छह हजार करोड़ रहेगी. वहीं पिछले साल 2020-21 में पांच हजार 469 करोड़, 2019-20 में पांच हजार 194 करोड़ और 2018-19 में पांच हजार 70 करोड़ रुपये थी. ऐसे में इस साल सब्सिडी की राशि में करीब 531 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गयी है.
उपयोग (यूनिट)-मौजूदा दर-देना पड़ रहा-सब्सिडी-नयी दर
0-50-6.05-2.55-3.50-6.10
51-100-6.30-2.80-3.50-6.40
101-200-6.60-3.05-3.55
200 यूनिट से अधिक-6.95-3.40-3.55
(नोट: अंतिम दो श्रेणियों को खत्म कर केवल एक श्रेणी 100 यूनिट से अधिक कर दी गयी है. इसके लिए 6.70 रुपये प्रति यूनिट तय किया गया है)
उपयोग (यूनिट)-मौजूदा दर-देना पड़ रहा-सब्सिडी-कंपनी की मांग-नयी दर
0-100-6.05-4.22-1.83-6.61-6.10
101-200-6.85-5.02-1.83-7.48-6.95
201-300-7.70-5.87-1.83-8.41
300 यूनिट से अधिक-8.50-6.67-1.83-8.41
(नोट: अंतिम दो श्रेणियों को खत्म कर केवल एक श्रेणी 200 यूनिट से अधिक कर दी गयी है. इसके लिए 8.05 रुपये प्रति यूनिट तय किया गया है)
मौजूदा दर-सब्सिडी-किसानों को देनी पड़ रही रकम-नयी दर
निजी नलकूप-5.50-4.85-0.65-5.55
सरकारी नलकूप-5.90-5.25-0.65-5.90
कुटीर ज्योति योजना के बीपीएल और मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए 0-50 यूनिट तक 6.10 रुपये प्रति यूनिट तय किया गया है. वहीं 50 यूनिट से अधिक डीएस-1 और डीएस-2 की दरें लागू होंगी.
Posted by Ashish Jha