सुमित कुमार, पटना. उद्योगों के लिए पीक आवर और नन पीक आवर (टीओडी) में निर्धारित की गयी बिजली दरों को लागू करने में बिजली आपूर्ति कंपनियों (डिस्कॉम्स) ने असमर्थता जतायी है. इसके पीछे टीओडी की गणना करने वाले मीटरों का साॅफ्टवेयर अपडेट नहीं हो पाना बड़ी वजह बतायी गयी है. डिस्कॉम्स ने इससे राजस्व पर असर पड़ने का भी हवाला देते हुए बिहार विद्युत विनियामक आयोग से मार्च 2023 में दिये गये टैरिफ आदेश में बदलाव करने की मांग रखी है.
दरअसल नॉन पीक आवर में बिजली के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए डिस्कॉम्स ने टाइम ऑफ डे (टीओडी) का प्रावधान किया है. इसके तहत पूरे दिन की बिजली आपूर्ति को तीन भाग नॉर्मल पीरियड, पीक लोड पीरियड और ऑफ पीक लोड पीरियड में बांटा गया है. इसमें पीक लोड पीरियड के दौरान निर्धारित से अधिक, जबकि ऑफ पीक लोड पीरियड के दौरान निर्धारित से कम बिजली दर ली जाती है.
डिस्कॉम्स ने पिछले साल आयोग को सौंपी याचिका में पीक लोड के लिए 110 फीसदी, जबकि ऑफ पीक लोड पीरियड के लिए 90 फीसदी बिजली दर का प्रस्ताव दिया था. लेकिन, आयोग ने मार्च 2023 में दिये अपने फैसले में पीक लोड के लिए 105 फीसदी और ऑफ पीक लोड पीरियड के लिए 85 फीसदी बिजली दर को मंजूरी देते हुए इसे लागू करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही नॉर्मल और ऑफ पीक लोड पीरियड के समयावधि में भी बदलाव किया.
आयोग के आदेश को लागू करने में असमर्थता जताते हुए डिस्कॉम्स ने कहा है कि टीओडी की गणना के लिए कुल 3781 मीटर लगाये गये हैं. इनमें से 2298 साउथ बिहार और 1483 नॉर्थ बिहार में लगे हैं. लेकिन, इनमें 40 फीसदी से अधिक टीओडी मीटर की आपूर्ति 2015 से पहले की गयी है, जो गारंटी या वारंटी के तहत कवर नहीं हैं. इनका सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हो सकेगा. शेष टीओडी मीटर के सॉफ्टवेयर अपडेट करने को लेकर भी संबंधित एजेंसी को हर मीटर का अलग से परीक्षण करना होगा. इसके साथ ही ऑफ पीक चार्ज पीक चार्ज के अनुरूप नहीं होने की वजह से डिस्कॉम्स पर वित्तीय प्रभाव पड़ेगा.
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टीओडी – बिजली दर
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नॉर्मल पीरियड (सुबह नौ से शाम पांच बजे तक) – सामान्य
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पीक लोड पीरियड(शाम पांच से रात 11 बजे तक) – सामान्य का 105 फीसदी
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ऑफ पीक लोड पीरियड(रात 11 से सुबह नौ बजे तक) – सामान्य का 85 फीसदी