पटना. स्मार्टप्रीपेड बिजली मीटर से जुड़ी आ रही शिकायतों के निबटारे को लेकर बिजली कंपनी द्वारा तैयार कराया जा रहा विशेष सॉफ्टवेयर 15 नवंबर तक तैयार हो जायेगा. इसमें एक खास फीचर’ ऑटो ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम ‘ के माध्यम से न सिर्फ उपभोक्ताओं की शिकायत दर्ज होगी, बल्कि हर शिकायत को मिलने वाली विशेष आइडी के माध्यम से उसे लगातार ट्रेस किया जा सकेगा. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़ी उपभोक्ताओं की शिकायत पर केंद्रीय एजेंसी इइएसएल और इएफडी ने तेजी से काम शुरू कर दिया है.
पिछले दिनों व्यापक रूप से इस संबंध में की गयी कार्रवाई के बाद अब 86 फीसदी उपभोक्ताओं को तीन दिन के अंदर वेलकम मैसेज मिलने लगा है. इसका मतलब है कि मीटर लगने के बाद इतने कनेक्शन तत्काल सर्वर से जुड़ जा रहे हैं. इससे मीटर रिचार्ज करने में समस्या उत्पन्न नहीं होगी. पहले उपभोक्ताओं को तीन महीने तक वेलकेम मैसेज नहीं मिलने की शिकायत होती थी. इसी तरह, बड़ी संख्या में प्रीपेड मीटर कुछ समय चलने के बाद नॉन कम्यूनिकेटिव हो गये थे. इससे उपभोक्ताओं के द्वारा मीटर रिचार्ज करने पर भी बैलेंस अपडेट नहीं हो पा रहा था.
बिहार बिजली स्मार्ट मीटर एप में कुछ बदलाव किया गया है. इससे अगले महीने से रियल टाइम बैलेंस देखने की सुवधा मिल जायेगी. बिजली खपत की राशि किस मद में काटी गयी है, उपभोक्ता इसे देख सकेंगे. शिकायत करने के बाद उसकी प्रगति भी देख सकेंगे. श्री हंस ने बताया कि लोड से अधिक खपत करने पर उपभोक्ताओं को दोगुनी राशि देनी पड़ रही है. कंपनी ने विनियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की है. उपभोक्ताओं को छह महीने का समय दिया जायेगा.
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अब उपभोक्ता अपने घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अनुसार बिजली का लोड बढ़वा सकें. इस अवधि में उपभोक्ताओं से खपत के अनुसार ही बिजली बिल लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में अब तक 10 लाख 81 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुके हैं. दिसंबर तक तीन लाख और स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है. राज्यभर में स्मार्ट प्रीपेड लगने के बाद न सिर्फ राजस्व में वृद्धि होगी बल्कि तकनीकी-व्यवसायिक नुकसान भी कम हो जायेगा. उपभोक्ता एक साल में अपनी कुल खपत में 36 फीसदी राशि सब्सिडी के तौर पर प्राप्त कर सकते हैं.