बिजली का बिल बढ़ाएगा पॉकेट की गरमी, अगर ऐसा हुआ तो कंपनी खुद से बढ़ा देगी लोड, जानें पूरी बात
जल्द ही स्वीकृत लोड से अधिक बिजली का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं का विद्युत लोड खुद -ब -खुद बढ़ जायेगा. बिजली कंपनियों ने आयोग को प्रस्ताव दिया है कि यदि कोई उपभोक्ता लगातार तीन महीने तक स्वीकृत लोड का 105 फीसदी से अधिक बिजली खर्च करेगा, तो लोड स्वत: बढ़ जायेगा.
जल्द ही स्वीकृत लोड से अधिक बिजली का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं का विद्युत लोड खुद -ब -खुद बढ़ जायेगा. बिजली कंपनियों ने आयोग को प्रस्ताव दिया है कि यदि कोई उपभोक्ता लगातार तीन महीने तक स्वीकृत लोड का 105 फीसदी से अधिक बिजली खर्च करेगा, तो उनका लोड पिछले तीन महीनों की औसत मांग के आधार पर स्वत: बढ़ जायेगा. यह प्रस्ताव सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए मान्य होगा.
तत्काल लगने वाली पेनाल्टी पर मिलेगी छूट
बिजली कंपनी ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में स्वीकृत लोड से अधिक बिजली इस्तेमाल करने पर लगने वाली पेनाल्टी में तीन महीने की छूट देने का भी प्रस्ताव दिया है. वर्तमान में किसी उपभोक्ता ने अगर दो किलोवाट का कनेक्शन लिया है, और उनकी वास्तविक खपत तीन किलोवाट हो रही है, तो उनको अतिरिक्त लोड के फिक्स चार्ज के साथ एनर्जी चार्ज पर भी पेनाल्टी देनी होती है. कंपनी के प्रस्ताव के तहत ऐसे उपभोक्ताओं को तीन महीने का मौका मिलेगा. इस अवधि में औसतन लोड ही उनका वास्तविक लोड बन जायेगा.
व्यावसायिक ग्राहकों से केवीएएच आधारित टैरिफ लेने का प्रस्ताव
बिजली कंपनी ने गैर घरेलू श्रेणी में व्यावसायिक श्रेणी के उपभोक्ताओं से केडब्लूएच की जगह केवीएएच आधारित टैरिफ लेने का प्रस्ताव दिया है. बिजली की यूनिट मापने में इन दोनों का इस्तेमाल होता है. हमारी वास्तविक बिजली खपत और इंडक्टिव लॉस को मिला कर जो रीडिंग आती है, उसे केवीएएच के नाम से जाना जाता है. इस रीडिंग में बिजली कंपनी को अधिक फायदा है, क्योंकि यह बिजली खपत के साथ होने वाले इंडक्टिव लॉस को भी काउंट करती है. केडब्लूएच में केवल उपभोक्ता द्वारा उपयोग की हुई बिजली की खपत को ही देखा जाता है. अर्थात यह वास्तविक बिजली खपत को ही दर्शाता है.
अधिकारी ने क्या कहा
प्रीपेड स्मार्ट मीटर के मामले में स्वीकृत लोड से अधिक इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को तत्काल लगने वाली पेनाल्टी से तीन महीने तक छूट देने का प्रस्ताव आयोग को दिया गया है. तीन महीने तक खपत को देख कर उपभोक्ता खुद भी अपना वास्तविक लोड बढ़वा सकेंगे.
महेंद्र कुमार, एमडी, एसबीपीडीसीएल.