बिहार में महंगी नहीं होगी बिजली, दर में कोई बदलाव नहीं, स्लैब भी नहीं बदलेगा
बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है. बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने वर्ष 2022-23 से बिजली दर में लगभग 10% बढ़ोतरी करने की बिजली कंपनियों की मांग को नामंजूर करते हुए वर्तमान बिजली दर व फिक्स चार्ज को ही बरकरार रखा है. इस मौके पर आयोग के सदस्य एससी चौरसिया भी मौजूद रहे.
पटना. बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है. बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने वर्ष 2022-23 से बिजली दर में लगभग 10% बढ़ोतरी करने की बिजली कंपनियों की मांग को नामंजूर करते हुए वर्तमान बिजली दर व फिक्स चार्ज को ही बरकरार रखा है. साथ ही आयोग ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दो स्लैब (1-100 यूनिट और 101 यूनिट से ऊपर) रखने की मांग को भी नामंजूर करते हुए वर्तमान तीन स्लैब (1-100 यूनिट, 101-200 और 201 से ऊपर) को ही बरकरार रखने की मंजूरी दी हैं. शुक्रवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने टैरिफ पिटिशन पर यह निर्णय सुनाया. इस मौके पर आयोग के सदस्य एससी चौरसिया भी मौजूद रहे.
हाइटेंशन कनेक्शन के लिए बनी दो श्रेणियां
निर्णय के मुताबिक, एक अप्रैल से लागू होने वाली नये बिजली दर में हाइटेंशन कनेक्शन के लिए दो श्रेणियां तय होंगी. इसके तहत सभी वर्तमान हाइटेंशन सर्विस को एचटीएस-जनरल में रखा जायेगा, जबकि औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए अलग से एचटीआइएस (इंडस्ट्रियल) श्रेणी निर्धारित होगी. इससे राज्य सरकार को खास कर उद्योगों के लिए अलग से विशेष सहायता देना आसान हो जायेगा.
ऑक्सीजन निर्माताओं को सस्ती बिजली
नयी बिजली दर में ऑक्सीजन निर्माताओं को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए अलग श्रेणी बनायी गयी है. वर्तमान में ऑक्सीजन निर्माताओं को सामान्य औद्योगिक यूनिट की तरह प्रति यूनिट 6.65 रुपये तक लगता है. लेकिन, नयी श्रेणी में उनको 4.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा. हालांकि, इस श्रेणी में फिक्स चार्ज 600 रुपये प्रति किलो वाट लगेगा. इससे ऑक्सीजन निर्माताओं को अधिक बिजली खपत करने पर सस्ती बिजली मिलेगी.
औद्योगिक उपभोक्ताओं को लोड फैक्टर इंसेंटिव
आयोग ने औद्योगिक हाइटेंशन कनेक्शन के लिए लोड फैक्टर इंसेंटिव को मंजूरी दी है. साथ ही सरप्लस बिजली के इस्तेमाल व औद्योगिक प्रोत्साहन को बढ़ावा देने लिए एचटीएसएस कटेगरी के लिए अलग से लोड फैक्टर इंसेंटिव का प्रावधान किया है. इससे अधिक बिजली खपत करने वाले यूनिटों को अन्य से सस्ती बिजली मिलेगी. टाइम ऑफ डे (टीओडी) की बिजली दर में संशोधन को भी आयोग ने मंजूरी दी है. इसके तहत बिजली कंपनी अलग-अलग समय पर औद्योगिक इकाइयों को अलग-अलग दर पर बिजली दे सकेंगी.
एटीएंडसी लॉस कम करने का दिया निर्देश
बिजली कंपनियों की टैरिफ पिटिशन पर जनसुनवाई के बाद आयोग ने बिजली आपूर्ति कंपनियों को एटीएंडसी लॉस में कमी लाने, एसेट रजिस्टर तैयार करने, बिजली खरीद दर को बेहतर करने और स्मार्ट प्रीपेड मीटर से संबंधित कई निर्देश अलग से दिये हैं.
श्रेणी शुल्क
घरेलू (ग्रामीण)
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प्रथम 50 यूनिट 6.10
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51 से 100 यूनिट 6.40
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101 यूनिट से ऊपर 6.70
घरेलू (शहरी)
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प्रथम 100 यूनिट 6.10
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101 से 200 यूनिट 6.95
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201 यूनिट से ऊपर 8.05
(इस दर पर राज्य सरकार की तरफ से अलग से प्रति यूनिट सब्सिडी दी जाती है)