बिहार में 3.61 करोड़ रुपये की बिजली चोरी, विद्युत विभाग को जुगाड़ मशीन से लगाया चूना, जानिए कैसे हुआ खुलासा?
एनबीपीडीसीएल मुजफ्फरपुर अंचल के इंजीनियरों ने मीनापुर के पखनाहा स्थित एक आयरन कंपनी में छापेमारी की तो दंग रह गए. यहां बिजली की बहुत बड़ी चोरी हो रही थी. कंपनी पिछले तीन महीने से बिजली चोरी कर रही थी जिसका खुलासा आठ घंटे की जांच के बाद हुआ.
बिहार में बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम किया जा रहा है. तेजी से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके बावजूद कई ऐसे लोग हैं जो बिजली चोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. कुछ ऐसा ही बिजली चोरी का एक मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है. जहां एनबीपीडीसीएल मुजफ्फरपुर अंचल के इंजीनियरों ने मीनापुर के पखनाहा स्थित एक आयरन कंपनी के यहां छापेमारी की तो मामले का खुलासा हुआ. जिसके बाद सभी दंग रह गए.
33 केवीए लाइन में बिजली चोरी पकड़ी गई
जिस लोहा फैक्ट्री में छापेमारी की गई वहां बिजली विभाग का विधिवत कनेक्शन लिया हुआ था. लेकिन एनबीपीडीसीएल के इंजीनियरों को ऐसी आशंका थी इस कंपनी द्वारा बिजली की चोरी की जा रही है. जिसे लेकर शुक्रवार को बिजली विभाग की टीम छापेमारी करने पहुंची तो कंपनी के 33 केवीए लाइन में बिजली चोरी पकड़ी गई. इसमें मीटर से मिटरिंग यूनिट को जोड़ने वाले कंट्रोल केबल में छेड़छाड़ कर यह बिजली चोरी पकड़ी गयी.
उत्तर बिहार की अब तक की सबसे बड़ी बिजली चोरी
इसके बाद बिजली कंपनी ने लोहा फैक्ट्री के प्रोपराइटर विनोद जायसवाल पर 3.61 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और पूर्वी सबडिविजन के सहायक अभियंता पानापुर ने ओपी मीनापुर में प्राथमिकी दर्ज करायी है. यह उत्तर बिहार में अब तक की सबसे बड़ी बिजली चोरी पकड़ी गयी है. वहीं मामला सामने आने के बाद कंपनी का मालिक फरार हो गया.
तीन माह से की जा रही थी बिजली चोरी
बिजली कंपनी को लोहा फैक्ट्री में बिजली चोरी की भनक पहले से लग चुकी थी. इसके बाद 28 जून को पुराने मीटर की जगह फैक्ट्री में नया मीटर लगाया गया. इसकी निगरानी के लिए एक चेक मीटर पीएसएस में इंट्री प्वाइंट पर लगाया गया. तब पता चला कि बिजली की खपत अधिक है और बिलिंग कम है. इसके बाद एसटीएफ के मुख्य अभियंता के निर्देश पर एक कमेटी गठित की गयी, इसमें मुजफ्फरपुर अंचल के अधिकारियों को शामिल किया गया. इसमें तीन अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता एमआरटी के अभियंता व तकनीशियन शामिल थे.
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कंट्रोल केबल में छेड़छाड़ कर हो रही थी चोरी
यह टीम दो नवंबर को फैक्ट्री में बिजली की जांच करने पहुंची. करीब साढ़े 12 बजे जांच शुरू हुई, जो आठ घंटे से भी ज्यादा वक्त तक चली. इसमें पता चला कि मिटरिंग यूनिट से मीटर की ओर से जाने वाले कंट्रोल केबल में छेड़छाड़ कर बिजली चोरी की जा रही थी. चोरी के दौरान स्वीकृत भार 3300 केवीए मिला. मीटर, मीटरिंग यूनिट व कंट्रोल केबल की जांच की गयी. अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश ने बताया कि बिजली की चोरी रोकने के लिए लगातार कार्रवाई जारी रहेगी.
छापेमारी करने गई टीम में ये थे शामिल
मुख्यालय के निर्देश पर गठित जांच दल में अधीक्षण अभियंता मुजफ्फरपुर पंकज राजेश, अधीक्षण अभियंता मुजफ्फरपुर (एसटीएफ) अजय कुमार, अधीक्षण अभियंता किशनगंज (एसटीएफ) सुजीत कुमार, एमआरटी कार्यपालक अभियंता जय प्रकाश सिंह, पूर्वी कार्यपालक अभियंता श्रवण कुमार ठाकुर, सहायक अभियंता कल्याणी नीरज कुमार सिंह, सहायक अभियंता एमआरटी राधा कुमारी, जेई मीनापुर अरुण कुमार अमर, एमआइटी के वरुण कुमार आदि शामिल शामिल थे.
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फैक्ट्री का मालिक फरार
वहीं इससे पहले इतनी बड़ी बिजली की चोरी करीब एक दशक पहले कांटी रोड में एक फ्लावर मिल में हुई थी. उस वक्त करीब 90 लाख रुपये की बिजली चोरी पकड़ी गयी थी. वहीं इस बार इससे चार गुना बड़ी चोरी गई है. मामले के खुलासे के बाद फैक्ट्री का मालिक फरार है. जिसके विरुद्ध बिजली विभाग और पुलिस कार्रवाई कर रही है.