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बिहार में आधी रात को तबाही मचाता है जंगली हाथियों का झुंड, 2 लोगों की ले चुके जान, घरों को कर रहे तहस-नहस

बिहार के सीमांचल में जंगली हाथियों का आतंक है. किशनगंज के सीमावर्ती गांव में आकर ये हाथी उत्पात मचा रहे हैं. हाथियों ने दो लोगों को इस बार कुचलकर मार डाला. वहीं लोगों के घरों को ये हाथी तहस-नहस कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2023 3:31 PM

Bihar News: किशनगंज के सीमावर्ती क्षेत्र में जंगली हाथियों का आगमन लगतार जारी है. अब हाथी धीरे-धीरे हाथी हिंसक रूप लेने लगे है. इस बार हाथी की चपेट में आने से दो व्यक्तियों की जान चुकी है और दर्जन घरों को नुकसान पहुंचाया है.

घर को हाथियों ने पुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया

बीती रात्रि गन्धर्वडांगा बाजार से सटे पश्चिम की और पर्वत रॉय, मो यूनुस एवं मो. इदरीश के घर को हाथियों ने पुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया.पीड़ित गृहस्वामी ने बताया कि गत रात करीब 6 हाथियों ने मेरे घर को चारों तरफ से घेर कर सभी घरों को तहस नहस कर दिया है.

खुले आसमान के नीचे सोने को विवश लोग

बताते चलें कि पीड़ित पर्वत राय की मां मजदूरी करती है और वे बच्चों को टयूशन पढ़ाकर किसी तरह अपना जीवन यापन करते है. ऐसे में जंगली हाथियों के द्वारा उनका आशियाना उजाड़ दिये जाने से वे खुले आसमान के नीचे सोने को विवश हो रहे है.

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हाथियों का उत्पात बढ़ता ही जा रहा

जंगली हाथियों से बचाने के लिए अब तक किये गये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है और हाथियों का उत्पात बढ़ता ही जा रहा है. जिससे जान माल की क्षति हो रही है. लोगों ने पीड़ित को सरकारी सहायता दिये जाने व हाथियों को उत्पात रोकने के लिए प्रशासन से आग्रह किया है.

महिला को उठाकर पटका, मौत

बता दें कि किशनगंज के सीमावर्ती क्षेत्र में हर साल हाथियों का आतंक रहता है. धनतोला पंचायत के पीपला गांव में हाथी ने एक महिला को इसी महीने पटक कर मार डाला था. करीब 45 वर्ष उम्र की महिला को हाथी ने सूंड से उठाकर पटक दिया था. बुरी तरह से जख्मी महिला ने अस्पताल जाने से पहले दम तोड़ दिया था.

नेपाल लौट जाते हैं गजराज

गौरतलब है कि हाथियों का झुंड नेपाल से हर साल सीमावर्ती गांवों में आ जाते हैं. मकई की खेती के सीजन में आकर ये हाथी फसलों को नष्ट कर देते हैं. वहीं गांव में प्रवेश करके लोगों के घरों को तहस-नहस करते हैं. तबाही मचाने के बाद ये हाथी वापस नेपाल लौट जाते हैं. वहीं प्रशासन इसपर रोक लगाने में बेबस दिखता रहा है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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