राजगीर में ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड को जोड़ने के लिए बनेगा एलिवेटेड ब्रिज, लोगों को स्नान में होगी सुविधा

राजगीर में दो भागों में कुण्ड बंटे होने के कारण श्रद्धालु सभी कुंडों में स्नान के लाभ और पुण्य से वंचित होते हैं. नेशनल हाईवे-82 ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड क्षेत्र को विभाजित करता है. लेकिन अब सीएम नीतीश कुमार द्वारा यहां कुंड को जोड़ने के लिए एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण की घोषणा की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2023 2:34 PM

विश्व विख्यात राजगीर के ब्रह्मकुण्ड और सूर्यकुण्ड क्षेत्र को जोड़ने के लिए एलिवेटेड ब्रिज ( फ्लाई ओवर) के निर्माण की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गयी है. मुख्यमंत्री की घोषणा की राजगीर में चारों तरफ तारीफ हो रही है. मगध साम्राज्य की राजधानी राजगीर में अनादिकाल से हर तीन साल पर राजकीय मलमास मेला (पुरुषोत्त्म मास) और हर साल राजकीय मकर मेला का आयोजन होता आया है. यह देश का एकमात्र मलमास मेला है, जहां तैंतीस कोटि देवी -देवता प्रवास करते हैं. इस मेला में देश-दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु आते और गर्मजल के झरनों- कुण्डों और नदियों में डुबकी लगाकर शरीर का मैल धोने के साथ मन का भी मैल धोते हैं.

गर्म जल के कुण्डों में स्नान के लिए उमड़ती है भक्तों की भीड़

राजगीर अपने 22 कुण्ड और 52 धाराओं के लिए विश्व विख्यात है. यहां के कुण्डों और नदियों में स्नान करने का वही फल है, जो हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक में स्नान करने का है. मलमास मेला के दौरान यहां के गर्म जल के कुण्डों में स्नान के लिए दिन-रात जन सैलाव उमड़ते रहता है. दो भागों में कुण्ड बंटे होने के कारण श्रद्धालु सभी कुंडों में स्नान के लाभ और पुण्य से वंचित होते हैं. नेशनल हाईवे – 82 ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड क्षेत्र को विभाजित करता है. जन सैलाब उमड़ने के कारण ब्रह्मकुण्ड क्षेत्र में स्नान करने वाले श्रद्धालु सूर्यकुण्ड क्षेत्र के कुण्डों में स्नान लाभ से वंचित हो जाते हैं. यही पीड़ा सूर्यकुण्ड क्षेत्र के श्रद्धालुओं के साथ होती है.

तीर्थयात्रियों को 22 कुंड और 52 धाराओं में स्नान करने का पुण्य लाभ होगा

मुख्यमंत्री की घोषणा से सनातन धर्मावलंबियों में काफी खुशी है. यहां के नागरिक कहते हैं कि फ्लाई ओवर बनने से तीर्थयात्रियों को 22 कुंड और 52 धाराओं में स्नान करने का पुण्य लाभ होगा. दोनों कुण्ड क्षेत्र को जोड़ने के लिए फ्लाई ओवर का निर्माण एकमात्र निदान है. लोग बताते हैं कि ब्रह्मकुंड क्षेत्र के कुण्डों में स्नान बाद तीर्थयात्री फ्लाई ओवर से सूर्यकुण्ड क्षेत्र पहुंच कर उस क्षेत्र के कुण्डों में स्नान करने के बाद वैतरणी, दुखहरणी, भरत कूप और शालिग्राम कुण्ड में स्नान के लिए आसानी से जा सकेंगे.

तीर्थयात्रियों को सभी कुंडों में स्नान दान में होगी सुविधा

राजगीर नगर परिषद के वार्ड पार्षद महेन्द्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा राजगीर के दोनों कुंडों को जोड़ने के लिए एलिवेटेड ब्रिज बनाने की घोषणा की जितनी भी प्रशंसा की जाये कम होगी. फ्लाई ओवर बनने से एक तरफ राजगीर का धार्मिक प्रतिष्ठा और गौरव बढ़ेगा तो दूसरी तरफ तीर्थयात्रियों को सभी कुंडों में स्नान दान की सुविधा भी बढ़ेगी.

अनादिकाल से राजगीर अध्यात्मिक और धार्मिक धरती रही

नीरपुर के मुखिया प्रतिनिधि पंकज कुमार कहते हैं कि अनादिकाल से राजगीर अध्यात्मिक और धार्मिक धरती रही है. यहां तीन साल पर लगने वाले पौराणिक, धार्मिक और अध्यात्मिक मलमास मेला में दुनिया के श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं. ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड क्षेत्र के दो भागों में बंटे रहने के कारण सभी कुंडों में तीर्थयात्रियों का स्नान नहीं हो पाता है.

क्या कहना है पंडा कमिटी का

राजगीर- तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा कमिटी के प्रवक्ता सुधीर कुमार उपाध्याय ने कहा कि मेरे अनुरोध पर यशस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी द्वारा एलीवेटेड ब्रिज निर्माण की घोषणा की गयी है. इसके लिए तहे दिल से सीएम के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. एलीवेटेड ब्रिज का निर्माण होने से प्रशासन को मेला की भीड़ नियंत्रित में सहूलियत होगी.

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भीड़ प्रबंधन में प्रशासन को होगी सहूलियत

राजगीर नगर परिषद के वार्ड पार्षद डॉ अनिल कुमार कहते हैं कि एलिवेटेड ब्रिज की घोषणा से राजगीर वासी बहुत खुश हैं. मलमास मेला के दौरान उमड़ रही भीड़ प्रबंधन में प्रशासन को इससे काफी सहूलियत होगी. इसके साथ ही इस फ्लाई ओवर के निर्माण होने से तीर्थयात्रियों को सभी कुंडों में स्नान करना आसान हो जाएगा. यह राजगीर वासियों की चिर प्रतिक्षित मांगों में एक है.

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सीएम ने 19 जुलाई को एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण की घोषणा की

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 जुलाई 2023 को मलमास मेला का विधिवत उद्घाटन करते हुए एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण की घोषणा की थी. इस दौरान उन्होंने सप्तधारा कुंड में पूजा अर्चना और आरती कर बिहार की खुशहाली और समृद्धि के लिए 33 कोटि देवी – देवताओं से प्रार्थना की थी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा सरस्वती नदी के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया गया था.

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