35 करोड़ के 1.76 लाख क्विंटल चावल का गबन, बिहार के छह मिलरों पर केस, जानें क्या है पूरा मामला
मिलरों को कई बार एफसीआइ के पास चावल जमा करने को लेकर निर्देशित और शोकॉज किया जा चुका है. चावल जमा करने के लिए अंतिम तिथि 31 मार्च 2023 दी गयी थी. इसके बावजूद इन लोगों ने न तो चावल और न ही राशि जमा की है.
पीयूष तिवारी, गढ़वा. बिहार के छह राइस मिलरों ने मिलकर 107682 क्विंटल चावल (कस्टम मिल राइस या उसना चावल) की हेराफेरी की है. इसका कुल मूल्य (वसूलनीय राशि) करीब 35 करोड़ रुपये है. इस मामले को लेकर जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह गढ़वा एसडीओ राज महेश्वरम ने उक्त मिल के संचालकों के खिलाफ गढ़वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. मामला वित्तीय वर्ष 2021-22 में हुई धान खरीद से जुड़ा हुआ है. जिन मिलरों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उनमें श्री हनुमानजी मॉर्डन राइस मिल नोखा, जय बजरंग एग्रो फार्म प्रालि, भगवानजी मॉर्डन राइस मिल, पशुपति राइस मिल प्रालि, ठाकुरजी राइस मिल प्रालि और सिंघानिया एग्रो शामिल हैं. जबकि अदिति राइस मिल के संचालक को शोकॉज किया गया है.
यह है मामला
वित्तीय वर्ष 2021-22 में पैक्स के माध्यम से गढ़वा जिले के किसानों से धान की खरीद की गयी थी. धान क्रय करने के बाद संबद्ध मिलरों ने पैक्स से धान का उठाव कर लिया, लेकिन इसके बदले में नियमानुसार एफसीआइ (भारतीय खाद्य निगम) को सीएमआर (उसना चावल) तैयार कर नहीं दिया. तय मापदंड के अनुसार, मिलर प्रति क्विंटल धान के बदले 68 किलो उसना चावल तैयार कर एफसीआइ को देते हैं. एफसीआइ इसी उसना चावल को सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से अनुदान या अब फ्री में राशन कार्डधारियों को उपलब्ध कराता है. मिलरों ने 31 मार्च 2022 तक खरीदे गये धान का उठाव किया था. इसे उसना चावल बनाकर उन्हें बीते वित्तीय वर्ष की छमाही में ही एफसीआइ को उपलब्ध करा देना था. इसके लिए कई बार गढ़वा जिला प्रशासन की ओर से उन्हें चेतावनी भी दी गयी, लेकिन उपरोक्त छह राइस मिलरों ने एफसीआइ को चावल उपलब्ध नहीं कराया.
मिलर जिन पर दर्ज हुई है प्राथमिकी
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मिलर -चावल की मात्रा -वसूलनीय राशि
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श्रीहनुमानजी मॉर्डन राइस मिल नोखा–15631.71 क्विंटल–4.94 करोड़ रुपये
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जय बजरंग एग्रो फार्म प्रालि–11830.71 क्विंटल–3.74 करोड़ रुपये
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भगवानजी मॉर्डन राइस मिल–4450.99 क्विंटल–1.4087 करोड़ रुपये
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पशुपति राइस मिल प्रालि–34417 क्विंटल–10.89 करोड़ रुपये
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ठाकुरजी राइस मिल प्रालि–7457.94 क्विंटल–2.36 करोड़ रुपये
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सिंघानिया एग्रो–33840.06 क्विंटल–10.71 करोड़ रुपये
क्या कहते हैं अधिकारी
गढ़वा के जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह एसडीओ राज महेश्वरम ने बताया कि पूर्व के डीएसओ (जो गढ़वा व पलामू के प्रभार में थे) और जिला प्रबंधक खाद्य निगम ने इन मिलरों के साथ अनुबंध किया था. इन मिलरों को कई बार एफसीआइ के पास चावल जमा करने को लेकर निर्देशित और शोकॉज किया जा चुका है. चावल जमा करने के लिए अंतिम तिथि 31 मार्च 2023 दी गयी थी. इसके बावजूद इन लोगों ने न तो चावल और न ही राशि जमा की है. इसलिए इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.