पटना. आइजीआइएमएस परिसर से अलग से स्वास्थ्य समिति के परिसर में 350 बेड का इमरजेंसी बनाया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जल्द ही विभाग इसको लेकर अधिसूचना जारी करेगा. वर्तमान में मरीज के लिए आइजीआइएमएस के पास 40 बेड का इमरजेंसी है. जहां बेड नहीं मिलने के कारण प्रतिदिन 40 मरीजों को भर्ती नहीं लिया जाता है और उन्हें दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है, लेकिन नये इमरजेंसी शुरू होने के बाद मरीजों को दिक्कत नहीं होगी. मरीज आराम से भर्ती हो पायेंगे.
2024 से मरीजों को नये इमरजेंसी में सुविधाएं मिलने लगेगी
नये इमरजेंसी में 2024 से मरीजों को भर्ती हो पायेंगे. नये बदलाव में मरीज को भर्ती होने के बाद उन्हें उसी भवन में इलाज के लिए अगर से रखा जायेगा. मरीजों के लिए नये भवन में आइसीयू और रेड जोन में बेड बढ़ाये जायेंगे.जहां से इलाज के दौरान मरीजों को ठीक होने के बाद इमरजेंसी से हटाकर वार्ड में भेजा जायेगा.
अभी इमरजेंसी में होती है यह परेशानी
इमरजेंसी में अभी कुल 40 बेड है, जिसमें हर दिन 15 से 20 मरीजों को भर्ती किया जाता है. इसमें यलो जोन में 16, एबी वार्ड में 16, टी जोन में आठ, ट्रोमा वार्ड में पांच मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है. वहीं, टी जोन के आठ बेड की है.
आइसीयू का हाल
आइसीयू की कुल संख्या 60 है. जिसमें एमआइसीयू में 15 बेड, एसआइसीयू में आठ बेड, सीसीएम आइसीयू में नौ, इआइसीयू में 14 बेड और रेड जोन आइसीयू में 13 बेड है. बेड कम रहने के कारण गंभीर से गंभीर मरीजों को भी समय पर आइसीयू नहीं मिल पाता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
आइजीआइएमएस के एमएस डा. मनीष मंडल ने कहा कि आइजीआइएमएस इमरजेंसी में बेड की संख्या अभी कम है. बेड की संख्या बढ़ाने के लिए आइजीआइएमएस ने स्वास्थ्य विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद विभाग ने बैठक कर मौखिक रूप से जिला स्वास्थ्य समिति परिसर ने 350 बेड का इमरजेंसी बनाने की स्वीकृति दिया है. जल्द ही, विभागीय स्तर पर इसको लेकर आदेश जारी होगा.
आइजीआइएमएस में मुफ्त दवा और जांच सुविधा जल्द शुरू होगी
राज्य सरकार के अति विशिष्ट चिकित्सा संस्थान इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के मरीजों को मुफ्त दवा और जांच की सुविधा का लाभ मिलने लगेगा. कैबिनेट द्वारा मुफ्त दवा और जांच की स्वीकृति देने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर प्रक्रिया आरंभ कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग में इसको लेकर पहले राउंड की उच्चस्तरीय बैठक पूरी हो चुकी है. अब फिर से विभाग द्वारा मरीजों को सुविधा देने के लिए आगे की कार्रवाई की जायेगी.
दवा व उपकरण मद में करीब 400 करोड़ का आवंटन
सरकार का मानना है कि राज्यभर में दवा व उपकरण मद में करीब 400 करोड़ का आवंटन दिया जाता है. ऐसे में आइजीआइएमएस में इलाज करानेवाले मरीजों को दवा और जांच की सुविधा उपलब्ध कराने में राशि की कोई कमी नहीं है. एक बार सभी प्रकार से सेवाओं को परख लिया जाये. फिर मरीजों को यह सुविधा मिलने लगेगी. सरकार ने जनता के साथ आइजीआइएमएस में मुफ्त दवा और जांच सेवा उपलब्ध कराने को लेकर कैबिनेट के माध्यम से प्रतिबद्धता जता दी है. इसे पूरा करने में विभाग जुट गया है.
चार अनुमंडलीय अस्पतालों में बनेगा जीविका दीदी का रसोई भवन
बिहार के चार अनुमंडलीय अस्पतालों में सरकार जीविका दीदी की रसोई प्रारंभ करने के लिए नये भवनों का निर्माण करायेगी. ग्रामीण जीविकोपार्जन समूह से किये गये एमओयू के तहत समस्तीपुर और रोहतास जिले के कुल चार अनुमंडलीय अस्पतालों का चयन इस योजना के लिए किया गया है. इस कार्य को प्राथमिकता में करने के लिए 89 लाख भी जारी कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल के साथ ही सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को पौष्टिक और शुद्ध भोजन मुहैया कराने के लिए जीविका दीदी की रसोई योजना 2018 में प्रारंभ की थी. अधिकतर सदर अस्पतालों के साथ ही मेडिकल कालेज अस्पतालों में जीविका दीदी की रसोई प्रारंभ भी हो चुकी है.
अब अनुमंडल स्तरीय अस्पतालों में
अब अनुमंडल स्तरीय अस्पतालों में जीविका रसोई प्रारंभ की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग समस्तीपुर और रोहतास के दो-दो अनुमंडल अस्पतालों में जीविका दीदी की रसोई प्रारंभ करने के लिए बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम से प्रस्ताव प्राप्त हुआ था. अब अनुमंडल अस्पताल शाहपुर पटोरी और अनुमंडल अस्पताल पूसा समस्तीपुर के साथ ही रोहतास में अनुमंडल अस्पताल डेहरी आन सोन और अनुमंडल अस्पताल विक्रमगंज में रसोई भवन का निर्माण कराया जायेगा. एक अस्पतालों पर 20.93 लाख रुपये से 23. 67 लाख रुपये की लागत का अनुमान है. दो महीने के अंदर संबंधित अस्पतालों में रसोई भवन का निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है.