मगध मेडिकल के पुरानी बिल्डिंग में इमरजेंसी शुरू, ट्रॉमा सेंटर में होगा कोरोना मरीजों का इलाज
मगध मेडिकल के इमरजेंसी में जगह कम होने की समस्या से मरीज व डॉक्टरों को अब नहीं जूझना होगा. इमरजेंसी वार्ड को पुरानी जगह पर ही शिफ्ट कर दिया गया है.
गया . मगध मेडिकल के इमरजेंसी में जगह कम होने की समस्या से मरीज व डॉक्टरों को अब नहीं जूझना होगा. इमरजेंसी वार्ड को पुरानी जगह पर ही शिफ्ट कर दिया गया है.
अस्पताल अधीक्षक डॉ हरिशचंद्र हरि ने बताया कि कोविड के कारण नयी इमरजेंसी बिल्डिंग को संक्रमितों के लिए आरक्षित कर दिया गया था.
कोरोना का संक्रमण थमने के बाद यहां इमरजेंसी व ओपीडी सेवा शुरू की गयी, तो इमरजेंसी वार्ड को 10 बेड के ट्रॉमा सेंटर में शुरू किया गया. यहां हाल के दिनों में जगह कम होने के कारण परेशानी हो रही थी.
वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद पहले वाली जगह पर इमरजेंसी वार्ड को शिफ्ट कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जायेगा. एक महीने से यहां कोरोना संक्रमित भर्ती मरीजों की संख्या एक-दो या फिर तीन ही रह रही है.
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को ओपीडी में 1088 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे, तो इमरजेंसी में 71 मरीज पहुंचे हैं. हर दिन यहां इमरजेंसी में 40-50 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. यहां सभी को भर्ती भी करना पड़ता है. नयी इमरजेंसी बिल्डिंग में 60 बेडों की संख्या होने के कारण यहां कोई परेशानी नहीं होगी.
खबर प्रकाशित होने के बाद हुई है कार्रवाई
प्रभात खबर के 25 जनवरी के अंक में ‘इमरजेंसी में बिना स्टेबल हुए ही मरीजों को कर दिया जा रहा वार्ड में ट्रांसफर’ शीर्षक से प्रमुखता से छापी गयी थी. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने इमरजेंसी सेवा को पहले वाली जगह पर शुरू करने की पहल की.
सूत्रों का कहना है कि इमरजेंसी में जगह कम होने के कारण प्राइवेट अस्पतालों के एजेंट भी मरीज के परिजनों को तरह-तरह की बात समझा कर अपने साथ ले जाने में सफल हो जाते हैं.
सूत्र बताते हैं कि नयी बिल्डिंग में इमरजेंसी सेवा शुरू होने के बाद इस मामले में भी हद तक लगाम लग जायेगा. बाहरी लोगों को इमरजेंसी वार्ड में पहुंचने से पहले कई तरह के टोका-टाकी का सामना करना होगा.
Posted by Ashish Jha