खेती में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, बिहार सरकार देगी मखाना और चाय उत्पादन के लिए 25 फीसदी तक सब्सिडी, जानिये किनको मिलेगा अतिरिक्त अनुदान
पात्रता रखने वाले व्यक्तिगत निवेशकों के लिए परियोजना लागत का 15 प्रतिशत एवं किसान उत्पादक कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड पूंजीगत अनुदान का प्रावधान किया गया है.
पटना. राज्य के युवाओं एवं किसानों को मखाना,फल , सब्जियां, मधु, औषधीय एवं सुगंधित पौधे, मक्का, बीज एवं चाय उत्पादन के लिए सरकार सहायता उपलब्ध करायेगी.
पात्रता रखने वाले व्यक्तिगत निवेशकों के लिए परियोजना लागत का 15 प्रतिशत एवं किसान उत्पादक कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड पूंजीगत अनुदान का प्रावधान किया गया है.
कृषि, सहकारिता एवं गन्ना उद्योग विभाग मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने गुरुवार को विकास भवन स्थित कृषि विभाग के सभागार में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति (बीएआइपीपी) की ऑनलाइन आवेदन प्रणाली की शुरुआत की.
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि विभिन्न फसलों के उत्पादन एवं प्रोसेसिंग के स्तर को बढ़ाने, खर्च को कम करने तथा निर्यात को बढ़ावा दिया जायेगा.
किसानों की आय वृद्धि तथा नियोजन के अवसर सृजन करने के लिए एक सितंबर, 2020 को बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति लागू की गयी.
बिहार में इस नीति को कृषि विभाग, बिहार के उद्यान निदेशालय, बिहार के द्वारा संचालित किया जा रहा है. इस नीति तहत अनुदान के लिए सात सेक्टर चिह्नित किये गये हैं.
चिह्नित सेक्टर मेंं न्यूनतम 0.25 करोड़ और अधिकतम 5.00 करोड़ की परियोजना लागत वाली प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, आधुनिकीकरण, विस्तार, विविधीकरण परियोजनाओं के लिए आवेदन किया जा सकता है.
इनको मिलेगा अतिरिक्त अनुदान
राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अतिपिछड़ा वर्ग के निवेशकों के लिए उक्त श्रेणियों में पांच प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान है.
महिला उद्यमी, दिव्यांग, युद्ध विधवा, एसिड अटैक पीड़ित एवं थर्ड जेंडर के उद्यमी के लिए दो प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान है. कृषि निवेशकों को इस नीति के तहत पूर्व से लागू बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के लाभ भी प्राप्त होंगे.
मंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर संबंधित सहायक निदेशक, उद्यान इस नीति के लिए नोडल पदाधिकारी मनोनीत किया गया है.
उद्यान निदेशालय द्वारा निवेशकों की सहायता के लिए एक तकनीकी सहायता समूह की नियुक्ति की गयी है.
उन्होंने बताया कि आवेदकों के लिए आवेदन की प्रक्रिया सुलभ बनाने के लिए एक ऑनलाइन आवेदन प्रणाली निदेशालय के वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा.
कार्यक्रम में कृषि सचिव एन सरवण कुमार ने कहा कि राज्य में कृषि निवेश की प्रबल संभावनाओं तथा उन पर दिये जाने वाले पूंजीगत अनुदान से कृषकों को काफी सुविधा मिलेगी. इस अवसर पर आदेश तितरमारे, कृषि निदेशक विजय कुमार, विशेष सचिव भी मौजूद थे.
Posted by Ashish Jha
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