शशिभूषण कुंवर ,पटना. बिहार फार्मेसी काउंसिल में करीब पांच हजार विद्यार्थियों का निबंधन नहीं होने के कारण रोजगार का मौका छूटता दिख रहा है. 12 फरवरी 2022 के बाद से राज्य में फार्मेसी करने वाले विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. इधर, बिहार तकनीकी सेवा चयन आयोग ने फार्मासिस्टों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया गया है. इसके लिए चार मई 2023 तक आवेदन करना है. रजिस्ट्रेशन के अभाव में ऐसे सभी विद्यार्थी आवेदन भी नहीं कर सकेंगे.
पटना हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद राज्य फार्मेसी काउंसिल का चुनाव किया गया. लेकिन, अब तक काउंसिल के स्थायी अध्यक्ष और रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं की गयी है. तात्कालिक व्यवस्था के तहत फार्मेसी काउंसिल का अस्थायी अध्यक्ष निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य सेवाएं) को बनाया गया है, जबकि अस्थायी रजिस्ट्रार के रूप में राज्य औषधि नियंत्रक को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार की जिम्मेवारी होती है कि वह जितने भी छात्र-छात्राओं के आवेदन प्राप्त हों, उनकी फार्मेसी की डिग्री की जांच संबंधित विश्वविद्यालय से कराने के बाद ही रजिस्ट्रेशन करें.
जानकारों का कहना है कि एक साल के दौरान करीब पांच हजार फार्मेसी के विद्यार्थियों के आवेदन फार्मेसी काउंसिल के पास पड़े हुए हैं. इनकी जांच नहीं हुई है. संयोगवश राज्य में 1539 फार्मासिस्टों की नियुक्ति का विज्ञापन भी जारी हो गया है. रजिस्ट्रेशन नहीं होने से ये विद्यार्थी वंचित हो जायेंगे. विज्ञापन में जारी योग्यता में यह शर्त है कि आवेदन करनेवाले अभ्यर्थी का बिहार फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है. पिछले गुरुवार को फार्मेसी काउंसिल की बैठक में पहला एजेंडा भी यही रखा गया था कि विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन आरंभ किया जाये. स्थायी रजिस्ट्रार के नहीं रहने से सब ठप पड़ा है.
Also Read: बिहार में इस साल भीषण गर्मी या बरसात में भी नहीं कटेगी बिजली, SBPDCL ने किया दावा
बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल के सदस्य अर्जेश राज श्रीवास्तव ने बताया की सभी काउंसिल सदस्यों ने चुनाव के बार कई बार रजिस्ट्रेशन शुरू करने की जिम्मेदारी रजिस्ट्रार को सौंपी है. अभी तक निबंधन शुरू नहीं हो सका है. रजिस्ट्रेशन का काम रजिस्ट्रार का होता है. काउंसिल सदस्यों के रजिस्ट्रेशन में कोई भूमिका नहीं होता है. रजिस्ट्रेशन करने के पहले रजिस्ट्रार द्वारा आवेदक का कागजात उनके यूनिवर्सिटी या बोर्ड से सत्यापित कराया जाता है. सत्यापन होने के बाद ही आवेदक का फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार द्वारा जारी किया जाता है.