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बिहार सरकार ने बतायी पुल-पुलिया गिरने की वजह, 15 इंजीनियर सस्पेंड, ठेकेदारों से वसूली जाएगी राशि…

बिहार में पुल-पुलिया गिरने की वजह सरकार की ओर से बतायी गयी है. वहीं इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 15 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है.

Bihar Bridge Collapse: बिहार में लगातार पुल और पुलिया गिरने की घटनाओं को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराने और दोषी पाये जाने वाले कर्मियों, अभियंताओं और ठेकेदारों पर कार्रवाई का निर्णय गुरुवार को लिया था. इसी के तहत शुक्रवार को मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने 15 इंजीनियरों को तत्काल निलंबित कर दिया है. पांच और इंजीनियरों पर निलंबन की कार्रवाई चल रही है. वहीं ठेकेदारों की भी मुश्किलें बढ़ गयी हैं.

ठेकेदारों को काम देने पर रोक

निलंबित किये गये इंजीनियरों में जल संसाधन विभाग के 11 अभियंता और ग्रामीण कार्य विभाग के नौ अभियंता शामिल हैं. इनमें चार कार्यपालक अभियंता भी निलंबित किये गये हैं. जल संसाधन विभाग ने दो कार्यपालक, चार सहायक और पांच कनीय अभियंता को निलंबित किया है. इन सबके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चलेगी. इसके साथ ही कार्यकारी ठेकेदार को फिलहाल आगे कोई काम नहीं देने का फैसला लिया है. शुक्रवार को विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने मुख्य सचिवालय के सभागार में पत्रकारों से बात करते हुए यह जानकारी दी.

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पुल-गिरने और कार्रवाई पर बोले विकास आयुक्त

विकास आयुक्त ने कहा कि सारण और सीवान जिले में गंडकी व छाड़ी नदी पर गिरे छह पुल-पुलिया जल संसाधन विभाग के थे. ये सभी 30 साल से अधिक पुराने थे. विकास आयुक्त ने बताया कि जिन्हें निलंबित किया है उनमें दो कार्यपालक अभियंता अमित आनंद, कुमार ब्रजेश, चार सहायक अभियंता राजकुमार, चन्द्रमोहन झा, सिमरन आनंद, नेहा रानी और पांच कनीय अभियंता मो. माजिद, रवि कुमार रजनीश, रफीउल होदा अंसारी, रतनेश गौतम और प्रभात रंजन शामिल हैं. इसके पहले चार अभियंताओं को ग्रामीण कार्य विभाग निलंबित कर चुका है. जबकि पांच अन्य इंजीनियरों पर कार्रवाई की जायेगी. यह कदम जल संसाधन एवं ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जांच के बाद दी गयी रिपोर्ट के आधार पर की गयी है.

एहतियातन कदम नहीं उठाया और मानीटरिंग नहीं किया गया

विकास आयुक्त ने बताया कि विभागीय जांच में पाया गया कि काम के क्रियान्वयन के दौरान संबंधित अभियंताओं ने नदी पर अवस्थित पुल-पुलिया को सुरक्षित रखने जाने एहतियातन कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि अभियंताओं द्वारा तकनीकी पर्यवेक्षण भी नहीं किया गया. जांच में ठेकेदारों के स्तर पर भी लापरवाही बरती जाने की बात सामने आयी है. इसलिए जहां अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है, वहीं, ध्वस्त पुलों के स्थान पर बनने वाले नये पुलों की पूरी राशि संबंधित ठेकेदार से वसूली जायेगी.

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