करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक निकला इंजीनियर, गाड़ी के बाद अब आवास में मिले 49 लाख
दरभंगा में कार्यरत ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के पटना और दरभंगा स्थित फ्लैट पर रविवार को छापेमारी की गयी. छापेमारी के दौरान दरभंगा स्थित फ्लैट से 49 लाख रुपये मिले. इसके अलावा लैपटॉप, प्रॉपर्टी के कागजात सहित अन्य दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं.
मुजफ्फरपुर/पटना. दरभंगा में कार्यरत ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के पटना और दरभंगा स्थित फ्लैट पर रविवार को छापेमारी की गयी. जिला पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई की टीम की छापेमारी के दौरान दरभंगा स्थित फ्लैट से 49 लाख रुपये मिले. इसके अलावा लैपटॉप, प्रॉपर्टी के कागजात सहित अन्य दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं.
एएसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद ने बताया कि इसके पूर्व शनिवार को उनकी स्काॅर्पियो से 18 लाख रुपये मिले थे. अब तक कुल 67 लाख रुपये बरामद हो चुके हैं. इंजीनियर के पटना में जगदेव पथ और वेटनरी कॉलेज के पास स्थित दो फ्लैट से कुछ खास बरामद नहीं हुआ. गौरतलब है कि पंचायत चुनाव को लेकर चल रही वाहनों की जांच में शनिवार को उनकी सरकारी गाड़ी से 18 लाख मिले थे.
इओयू ने की पूछताछ
कुढ़नी थाने पर इओयू की टीम ने इंजीनियर से पूछताछ की. इओयू की ओर से जांच में सहयोग कर रहे डीएसपी जाकिर हुसैन ने बताया कि एएसपी के नेतृत्व में प्रॉपर्टी के कागजात की जांच की जा रही है. पैसे की जानकारी अभी इंजीनियर ने नहीं दी है. बैंक खातों के बारे में भी पता लगा है. इसका डिटेल्स भी खंगालने की कवायद की जा रही है. उनकी पत्नी और रिश्तेदारों के भी बैंक खाते खंगाले जायेंगे. पूरे मामले में इओयू की टीम सहयोग कर रही है.
सेफ में भारी मात्रा में कैश देख चौंक गयी टीम
पुलिस ने जब दरभंगा स्थित इंजीनियर के फ्लैट पर छापेमारी की तो एक कमरे में सेफ मिला. इसकी चाबी लेकर खोला गया. उसमें भारी मात्रा में कैश देखकर टीम के सदस्य चौंक गये.
इंजीनियर की तबियत बिगड़ी
शनिवार पूरी रात इंजीनियर से पूछताछ की गयी. इसमें उनकी तबियत बिगड़ गयी. फिलहाल कुढ़नी थाने पर ही उनका इलाज किया जा रहा है. एएसपी ने बताया कि इंजीनियर अनिल कुमार और चालक सरोज सिंह की हिरासत में रखा गया है.
आय से अधिक संपत्ति मामले में एफआइआर
अधीक्षण अभियंता के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और आय से अधिक संपत्ति मामले में एफआइआर दर्ज की गयी है. एएसपी ने बताया कि बरामद कैश अभी पुलिस के पास ही है. जांच पूरी होने के बाद इसे इओयू के हवाले किया जायेगा.
ठेकेदारों से 1.25 करोड़ रुपये वसूली की चर्चा
चर्चा है कि 2020 में बाढ़ग्रस्त प्रखंडों में सड़कों को मोटरेबुल बनाने के नाम पर अधीक्षण अभियंता ने सरकार के पास करोड़ों रुपये का फर्जी बिल भेजा था. विभाग से बिल पास नहीं किया जा रहा था.
बताया जाता है कि बिल पास कराने के नाम पर अनिल कुमार ने ठेकेदारों से लगभग सवा करोड़ रुपये की वसूली की थी. जानकारी के अनुसार वसूली गयी राशि का कुछ भाग लेकर वह पटना जा रहे थे. वहीं लाखों रुपये अपने आवास में छोड़ दिया था.
इओयू के एडीजी नैयर हसनैन खां ने कहा कि जिला पुलिस द्वारा आर्थिक अपराध इकाई से कार्रवाई में सहयोग के लिए आग्रह किया गया था. इसके बाद इओयू की ओर से एक डीएसपी व तीन अन्य अधिकारियों की टीम जिला पुलिस का सहयोग कर रही है. आगे नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
Posted by Ashish Jha