बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों की एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गयी है. इनकी जगह दूसरों को प्रवेश नहीं मिलेगा. महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें खाली रहीं, तो उस सीट पर सिर्फ महिलाओं को ही प्रवेश दिया जाये. सोमवार की शाम मुख्यमंत्री ने विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के 415 नवनियुक्त सहायक प्राध्यापक और व्याख्याता को नियुक्ति पत्र बांटा और कहा कि आगे कुछ महीनों में और नियुक्ति होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का नाम बदले. अब विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग होना चाहिए. बहुत जल्द कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर नाम बदलेंगे.
सीएम ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि कि नियुक्ति की प्रक्रिया और तेजी से हो. पहले बिहार में इंजीनियरिंग-पॉलिटेक्निक संस्थानें कम थीं. हमलोगों ने तय किया कि राज्य के हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज हो. आज 37 इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन निर्माण हो चुका है. केवल बक्सर में देरी है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक और कर्मचारियों के रहने की भी व्यवस्था कैंपस में ही हो. नव नियुक्त शिक्षकों से कहा कि मन लगाकर बच्चों को पढाइए और कैंपस में ही रहिये. इधर-उधर भागने की जरूरत नहीं है. आज बिहार में इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़कर 13775 हो गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आइआइटी के लिए 500 एकड़ जमीन दी है. कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और विज्ञान व प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार ने भी संबोधित किया.
मुख्यमंत्री विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित सिंह और शिक्षा मंत्री के बीच मंच पर हो रहे बातचीत को गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा कि आपस में बात करियेगा कि सुनियेगा भी? आपलोग आपस में बात कर रहे हैं. मंत्री बतिया रहा है. आपके सेक्रेट्री साहब तो सुन रहे हैं, आप नहीं सुन रहे. सुनो हमारी बात. आपके पिताजी हमारे दोस्त थे न. आपलोग कम आयु वाले हो. इसलिए ध्यान से सुनो. अपने विभाग में तेजी से काम कराओ.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार काम कम और बातें अधिक कर रही हैं. पिछले नौ वर्ष में केंद्र की सरकार ने कोई काम नहीं किया है. सिर्फ़ तनाव पैदा किया और हमारी योजनाओं को अपनाया है. हमलोग को सिर्फ काम में विश्वास करते हैं. केंद्र की भाजपा नीत सरकार आज किसी का नाम नहीं लेती है. बापू को छोड़िए, अपनी ही पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे लोगों का भी नाम नहीं लेती है. उन्होंने सुशील कुमार मोदी का नाम लिये बिना ही उन पर भी कटाक्ष किया. कहा- किसी के बोलने से कुछ नहीं होता है.
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सहायक प्राध्यापक (विद्युत ) – 269
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व्याख्याता (असैनिक) – 120
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व्याख्याता (अर्थशास्त्र) – 26
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कुल – 415