पटना: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजिलेंस) सोमवार को ग्रामीण कार्य विभाग के किशनगंज प्रमंडल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर संजय कुमार राय और पत्नी के बैंक एकाउंट को खंगालेगी. संजय कुमार के एसबीआइ, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र तथा एचडीएफसी बैंक में खाते हैं. शनिवार को छापे के दौरान बरामद इन बैंक के दस्तावेजों से पता चला है कि लॉकर की तलाशी के बाद भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य प्रमाण मिल सकते हैं. कैशियर खुर्रम सुल्तान के पटना स्थित केनरा बैंक और पीएनबी के खाते खंगाले जायेंगे. विजिलेंस को संजय कुमार राय के पास से पटना एवं किशनगंज आवास से कुल 4,36,38,000 रुपये तथा कैशियर खुरम सुल्तान के पटना एवं किशनगंज स्थित आवास से कुल 96,00,000 कैश की बरामदगी हुई थी. निगरानी ने रविवार को इस रकम को विजिलेंस के खाते में जमा करा दिया है.
बता दें कि ग्रामीण कार्य विभाग के किशनगंज प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार राय के ठिकानों से पांच करोड़ 37 लाख रुपये की बरामदगी अब तक की सबसे बड़ा कैश जब्ती है. इससे पहले ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के यहां से सबसे अधिक 4.20 करोड़ कैश बरामद हुआ था. बिहार में विजिलेंस ने 31 दिसंबर तक 4517 लोगों को भ्रष्टाचार में पकड़ा है. विजिलेंस ने ग्रामीण कार्य विभाग के करीब 50 इंजीनियरों पर कार्रवाई की है. इनमें चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक शामिल हैं.
इओयू ने बीते दिनों जिन सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की थी, उसमें इंजीनियरों की संख्या सबसे अधिक है. दो साल पहले गोपालगंज में तैनात रहे कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी-तिरहुत नहर अंचल के एसइ,पथ निर्माण विभाग खगड़िया में तैनात रहे कार्यपालक अभियंता, मुजफ्फरपुर प्रमंडल के भवन निर्माण विभाग के एक मंडल कार्यपालक अभियंता, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल एक, पटना के एक कार्यपालक अभियंता , सोनपुर में तैनात रहे पीएचइडी के कनीय अभियंता और ग्रामीण कार्य विभाग पटना के एक कार्यपालक अभियंता आदि की संपत्ति जब्त की सिफारिश की थी.
भ्रष्ट अफसरों पर नकेल कसने के लिए निगरानी विभाग ने सूचना देने वालों को ईनाम देने की व्यवस्था की है. सूचना सही पाये जाने पर गुप्त सेवा कोष से एक हजार से 50 हजार तक की प्राेत्साहन राशि दी जायेगी. कोर्ट में दोष सिद्ध होने पर अधिकारी संपत्ति जब्ती आदि से सरकार को जो आय होगी उसका दो फीसदी भी दिया जायेगा. हालांकि अधिकतम राशि पांच लाख निर्धारित कर दी गयी है.गवाहों को भी अब ट्रेन – बस का पूरा भाड़ा देने के अलावा 200 रुपये प्रतिदिन का अलग से देने का नियम है.
भ्रष्टाचार रोकने के लिए जिला स्तर पर विजिलेंस कोषांग गठित है. उससे जुड़े कार्यों की नियमित समीक्षा डीएम काे प्रत्येक सात दिनों पर करनी है. प्रमंडलीय बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त को समीक्षा करनी होती है. हर माह 10 तारीख तक निगरानी विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध करानी होती है. डीएम और कमिश्नर दोनों ही स्तर पर प्रभावी समीक्षा नहीं हो रही है. यही कारण है कि भ्रष्टाचार के अधिकतर मामले विजिलेंस मुख्यालय के स्तर पर ही उजागर हुए हैं. रिश्वत मांगने से संबंधित कोई भी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के टेलीफाेन 0612-2215344 एवं मोबाइल नंबर 7765953261 पर की जा सकती है.