बिहार सरकार ने मेडिकल छात्रों को दी बड़ी राहत, निजी कॉलेजों में MBBS की 585 सीटों पर सरकारी फीस पर नामांकन
नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों का शैक्षणिक शुल्क निर्धारित कर दिया है. इसका संकल्प भी जारी कर दिया गया है.
शशिभूषण कुंवर, पटना. बिहार सरकार ने इस नये सत्र 2023-24 से मेडिकल शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है. राज्य के सभी नौ प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों व डिम्ड विश्वविद्यालयों की आधी सीटों यानी 585 सीटों पर नामांकन व शैक्षणिक शुल्क सरकारी मेडिकल कॉलेजों के समान ही लगेगा. ऐसे में इनमें दाखिला लेने वालों को 13 लाख सालाना फीस की जगह सिर्फ 40 हजार 800 रुपये पर नामांकन के लिए देना होगा और 22 हजार सात सौ रुपये सालाना शुल्क देना होगा.
ओपन सीटों का फीस भी निर्धारित
राज्य सरकार ने नामांकन शुल्क व सालाना फीस के अलावा सभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की ओपन सीटों का फीस भी निर्धारित कर दिया गया है. नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों का शैक्षणिक शुल्क निर्धारित कर दिया है. इसका संकल्प भी जारी कर दिया गया है.
इन कालेजों में शैक्षणिक शुल्क निर्धारित
इधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने पांच प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की सीटों का शैक्षणिक शुल्क निर्धारित किया है. इनमें राधा देवी जागेश्वरी मेडिकल कालेज, तुर्की, मुजफ्फरपुर, नारायण मेडिकल कालेज सहरसा, लार्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कालेज सहरसा, नेताजी सुभाष मेडिकल कालेज बिहटा और मधुबनी मेडिकल कालेज मधुबनी शामिल है.
इन चीजों का अलग से देना होगा शुल्क
विभाग ने कोर्ट के आदेश का हवाला देकर आदेश में लिखा है कि ट्यूशन फीस के अलावा विद्यार्थियों को संस्थान को हास्टल फीस, ट्रांसपोर्ट फीस और मेस वगैरह का शुल्क अलग से देना होगा. आदेश में साफ किया गया है कि निर्धारित शुल्क से ज्यादा शुल्क लेने की स्थिति में कालेजों को अतिरिक्त शुल्क का पैसा छात्रों को वापस करना होगा. साथ ही बिहार शिक्षण शुल्क निर्धारण समिति की निर्धारित फीस को लागू करना बाध्यकारी होगा.