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बिहार सिपाही पेपर लीक: फर्जी कंपनी के साथ हुआ था एकरारनामा, खुली गाड़ी में बिना सील के पहुंचा था प्रश्न-पत्र

बिहार सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. फर्जी कंपनी के साथ एकरारनामा हुआ था. इओयू की जांच में इस कंपनी के पंजीकृत कार्यालय में एक कमरा मात्र मिला.

बिहार सिपाही पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने सिपाही बहाली के प्रश्न पत्रों की प्रिंटिंग, पैकेजिंग एवं जिला कोषागारों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए कोलकाता की जिस कंपनी कैलटेक्स मल्टीवेंचर प्रालि के साथ एकरारनामा कर कार्यादेश दिया था, वह फर्जी निकला. इओयू की जांच में इस कंपनी के पंजीकृत कार्यालय के पते पर मात्र एक कमरे के अतिरिक्त कोई अन्य स्थापना नहीं थी और ना ही इस पते पर इस कंपनी का कोई कर्मी कार्यरत था. इस कंपनी का अपना कोई भी प्रिंटिंग प्रेस, वेयर हाउस या लॉजिस्टिक व्यवस्था नहीं है.

दागी कंपनी को दिया गया काम

कंपनी ने यह सभी कार्य स्वयं न कर ब्लेसिंग सिक्योर प्रेस प्रालि नामक कंपनी को आउटसोर्स कर दिया, जो कि गिरफ्तार अभियुक्त कौशिक की कंपनी है. कौशिक कर पूर्व में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा संचालित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा लीक का अभियुक्त रहा है. इस कंपनी का नाम अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित परीक्षा के लीक में भी आया है, जिसमें इस कंपनी के कर्मी दिलीप साहा को तत्कालीन अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के साथ 2022 में सहायक अभियंता परीक्षा लीक मामले में जेल भेजा गया था. पेपर लीक कांडों की वजह से ही कौशिक कर ने 2021 में नयी कंपनी बनायी थी.

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कोषागारों में न पहुंचा कर पटना के वेयरहाउस में प्रश्नपत्र किये अनलोड

इओयू की जांच में पता चला है कि प्रश्न पत्र एवं गोपनीय सामग्रियों को प्रेस से जिला कोषागारों तक सीधे परिवहन करना था, लेकिन बिना एसओपी का अनुपालन किये खुली गाड़ियों में बिना सील लॉक एवं बिना सुरक्षा कर्मी के प्रेस से कोलकाता स्थित वेयर हाउस में भेजा गया. फिर इन सामग्रियों को जिला कोषागारों में न पहुंचा कर पटना स्थित वेयरहाउस में अनलोड किया गया था. वहां से जिला कोषागारों में सामग्री भेजने के लिए जेनिथ लॉजिस्टिक आउटसोर्स किया गया. जांच में पता चला कि प्रश्नपत्रों को ट्रांसपोर्ट करने वाली गाड़ियां जिला कोषागार में जाने के दौरान कई जगह रुकते हुए पहुंची हैं.

कंपनियों की रेकी को दस दिन कोलकाता में रुका संजीव मुखिया, पैसे के इलेक्ट्रॉनिक लेन-देने के मिले सबूत

इओयू ने बताया कि प्रिंटिंग कंपनी की रेकी को लेकर मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अपने गिरोह के साथ 10 दिन पहले से ही कोलकाता में रुका हुआ था. इस दौरान उसने कंपनी को लिफाफा, सिंगल यूज सील लॉक और प्रश्नपत्र परिवहन करने वाली ट्रांसपोर्ट एजेंसी की जानकारी इकट्ठा की. इओयू को जांच में पता चला है कि परीक्षा से पहले संजीव मुखिया गिरोह ने कंपनी को पैसे का इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन किया. इसके प्रमाण भी मिले हैं. इओयू ने मोतिहारी परीक्षा केंद्रों को भेजे गये टेम्पर्ड बॉक्सों को चिह्नित कर जब्त कर लिया है.

21391 सिपाही के रिक्त पदों पर हुई थी बहाली

मालूम हो कि केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) द्वारा 21391 सिपाही के रिक्त पदों पर बहाली को लेकर 01 अक्टूबर 2023 को दो पालियों में परीक्षा आयोजित की गयी थी. इसके अतिरिक्त 07 अक्टूबर 2023 एवं 15 अक्टूबर 2023 को इस परीक्षा का आयोजन होना था. परीक्षा में कुल 18 लाख अभ्यर्थियों ने फार्म भरा था. लेकिन, एक अक्तूबर को आयोजित परीक्षा की दोनों पालियों में परीक्षा प्रारंभ होने की निर्धारित अवधि से कई घंटे पहले ही परीक्षा की उत्तर कुंजी (आंसर की) विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल होने पर दो अक्तूबर, 2023 को परीक्षा रद्द कर दी गयी. इसके साथ ही सात अक्तूबर, 2023 एवं 15 अक्तूबर को आयोजित होने वाली परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया.

75 मामलों में 207 अभियुक्त गिरफ्तार, छापेमारी जारी

प्रश्नपत्र लीक के इस मामले को लेकर विभिन्न जिलों में 74 और फिर इओयू मुख्यालय में एक केस सहित कुल 75 कांड दर्ज हुए थे. इन कांडों में अब तक 207 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. शेष बचे अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर भी छापेमारी चल रही है.

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