तमिलनाडु में बिहारियों के पीटे जाने के फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने बुधवार को यूट्यूबर मनीष कश्यप से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान मिली सूचना के आधार पर छापेमारी कर उनके सहयोगी नागेश कश्यप को भी गिरफ्तार किया है. नागेश द्वारा फर्जी वीडियो बनाने से लेकर अपलोड करने तक में मनीष को मदद करने की बात सामने आ रही है.
सूत्रों की माने तो मनीष कश्यप ने पूछताछ के दौरान इओयू को बरगलाने की भी कोशिश की. इओयू ने उनसे जानना चाहा कि फर्जी वीडियो को वायरल करने और दो राज्यों के बीच अशांति फैलाने के पीछे क्या उद्देश्य था. टीम यह इस बात की भी जानकारी ली कि इस कारनामे के पीछे किन-किन लोगों ने साथ दिया और कौन-कौन लोग उसके संपर्क में हैं? अगर कोई राजनीतिक दल के नेता ने साथ दिया है तो वह कौन है? चैनल के नाम पर पैसों के हेरफेर से जुड़े सवाल भी पूछे गये और वित्तीय लेन-देन को लेकर भी सवाल किया गया.
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने ईओयू को 24 घंटे का ही रिमांड दिया था, जिसकी अवधि गुरुवार, 23 मार्च सुबह खत्म हो रही है, जबकि इओयू ने सात दिन की रिमांड पर देने की मांग की थी. सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में तमिलनाडु पुलिस भी मनीष कश्यप को रिमांड पर लेने के लिये कोर्ट जायेगी. हालांकि, इओयू ने इस संबंध में कोई आधारिक जानकारी नहीं दी है.
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पुलिस सूत्रों के अनुसार, इओयू मनीष कश्यप की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए फिर से कोर्ट जायेगी. इओयू के पास सवालों की लंबी सूची है. इसमें फर्जी वीडियो शेयर करने के उद्देश्य से लेकर पूरी साजिश में शामिल नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाना है. इसके अलावा वित्तीय लेन-देन पता लगाना है. ऐसे में एक दिन की रिमांड कम लग रही है. मनीष कश्यप और यूट्यूब चैनल से जुड़े खातों की जांच के बाद आधा दर्जन कोचिंग संस्थानों को भी इओयू ने नोटिस जारी किया है. इनमें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने वाले कई प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान शामिल हैं. इनके और मनीष के बीच पैसों के लेन-देन के साक्ष्य इओयू को मिले हैं. इओयू केअधिकारी पैसे भेजने के उद्देश्य को लेकर संस्थानों से पूछताछ कर रहे हैं. इसके अलावा राजधानी में लगी बड़ी-बड़ी होर्डिंग को लेकर भी संस्थानों की भूमिका की जांच की जा रही है.