कोसी में तेज उफान से कटाव जारी, रेलवे ट्रैक से महज 15 मीटर की दूरी पर बह रही नदी की धार

कटाव रोकने के लिए इंजीनियरों द्वारा जो लेयर बनाया जा रहा है, वह भी गिर जा रहा है. हालांकि कटाव रोकने के लिए रेलवे द्वारा इंजीनियरिंग विभाग की टीम 24 घंटे निगरानी के लिए लगायी गयी है. वहीं, बोल्डर भी गिराये जा रहे हैं. कंट्री लेयर में तारों से कटाव वाले चिन्हित बिंदुओं को बांधा जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2023 7:34 PM

सहरसा. सहरसा-मानसी रेलखंड पर कोसी और बागमती नदी तेज उफान पर है. वहीं रेलवे ट्रैक के पास नदी में तेज उफान से कटाव भी शुरू होने लगा है. अगर यही स्थिति रही तो ट्रेन परिचालन पर भी असर पड़ सकता है. वर्तमान में फनगो हाॅल्ट के पास कोसी नदी के रेलवे ट्रैक के इर्द-गिर्द कटाव भी शुरू होने लगा है. स्पर संख्या 14/047 और 14/23 के बीच नदी की तेज धारा से कटाव भी हो रहा है. वहीं स्पर संख्या 14/23 के पास भी कटाव जारी है. इसके अलावा 14/047 के पास कटाव रोकने के लिए इंजीनियरों द्वारा जो लेयर बनाया जा रहा है, वह भी गिर जा रहा है. हालांकि कटाव रोकने के लिए रेलवे द्वारा इंजीनियरिंग विभाग की टीम 24 घंटे निगरानी के लिए लगायी गयी है. वहीं, बोल्डर भी गिराये जा रहे हैं. कंट्री लेयर में तारों से कटाव वाले चिन्हित बिंदुओं को बांधा जा रहा है.

कटाव रोकने को रेलवे की तैयारी

लगातार उफनती नदियों के बीच माॅनसून को लेकर समस्तीपुर रेल मंडल भी अपनी तैयारियों को उच्चतम स्तर पर ला दिया है. रेल मंडल ने 200 वैगन बोल्डर, स्टोन डस्ट को आपातकालीन स्थिति को लेकर रिजर्व कर लिया हैं. वहीं माॅनसून को देखते हुए रेल मंडल में नदियों से सटे हुए रेलवे ट्रैक पर विशेष निगरानी करने की हिदायत भी दे दी गयी है. रेलवे ने कहा है कि किसी भी स्थिति में कटाव को रोका जाये. पिछली बार की तरह इस बार किसी भी कीमत पर ट्रेनों का परिचालन बाधित नहीं होना चाहिए. इसके लिए जो उपाय हो सकते हैं वो किये जाये.

ट्रैक पर बढ़ाई गयी पेट्रोलिंग

रेलवे की माने तो फिलहाल कोसी नदी से जुड़े इलाकों पर विशेष सतर्कता बढ़ायी जा रही है. इसके अलावा बागमती के उफान पर भी रेलवे की नजर है. ऐसे में कोसी, अधवारा समूह की नदियों के सटे रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग को तेज कर दिया गया है.

रेलवे पुलों को लेकर पूरी सतर्कता

नेपाल से बारिश के पानी छोड़े जाने के कारण कई बार रेलवे ट्रैक पर परिचालन बाधित होती है. ऐसे में नेपाल से आने वाली नदियों के डिस्चार्ज को लेकर रेलवे राज्य के साथ संपर्क में है. रोजाना डिस्चार्ज की रिपोर्ट ली जा रही है. उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है. जिससे रेलवे पुल पर बढ़ते पानी के दबाव को समय रहते आकलन किया जा सकेगा. रेल पुल पर लगे उपकरणों के सहारे भी डिस्चार्ज की स्थिति रेलवे को मिलती रहेगी. बताते चलें कि विगत साल भी जल स्तर पर लेकर कई रेलवे ट्रैक परिस्थिति गंभीर बनी रही थी.

2016 में रेलखंड पर लग गया था ब्रेक

सहरसा-मानसी रेलखंड के फनगो हॉल्ट के निकट कोसी का कटाव रेलवे के लिए हमेशा से सिर दर्द हो गया. 2016 के जुलाई में इसी कटाव के कारण ट्रेन सेवा बंद करनी पड़ी थी. ज्ञात हो कि जून 2016 से ही कटाव का दंश रेलखंड पर पड़ने लगा था. लेकिन जुलाई की शुरुआत में रेलवे की नींद खुली थी और रेलवे द्वारा आनन-फानन में रेलवे अधिकारियों की भारी-भरकम फौज की फनगो हॉल्ट की तैनाती की गयी. लेकिन तैनाती के बाद कटाव रोकने की व्यवस्था नहीं की गयी. जिस वजह से स्पर संख्या छह व सात के बीच कोसी का कटाव ट्रैक से सट गया. इसके बाद 23 जुलाई को दोपहर तीन बजे रेलवे के विशेष सैलून से समस्तीपुर रेलमंडल के डीआरएम सुधांशु शर्मा फनगो हॉल्ट स्थित कटाव स्थल पर पहुंचे. लगभग पांच घंटे तक कटाव स्थल और पुल संख्या 47 के निरीक्षण के बाद डीआरएम ट्रॉली के माध्यम से कोपड़िया चले आये.

रेलखंड के परिचालन पर लगा दिया था ब्रेक

इसके कुछ घंटे गुजरने के बाद फिर देर रात्रि लगभग ग्यारह बजे ट्रॉली के माध्यम से डीआरएम सहित अन्य अधिकारी कटाव स्थल और पुल स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे. लगभग दो घंटे तक सभी चीजो का जायजा लेने के बाद रात डेढ़ बजे के लगभग डीआरएम ने रेलखंड के परिचालन पर ब्रेक लगा दिया था. जिसके बाद लगभग दो दिनों तक कटाव स्थल पर खुद से रह कर तत्कालीन डीआरएम सुधांशु शर्मा द्वारा बड़े पैमाने पर कटाव निरोधी कार्य चलाया गया था. लेकिन कुछ दिनों तक चले कार्य के बाद फिर सबकुछ ठंडे बस्ते में चला गया. वहीं अब एक बार फिर कोसी के रौद्र रूप लेने के बाद रेलवे फिर कुंभकर्णी नींद से जागा है और आनन -फानन में कटाव स्थल पर बोल्डर गिरा रहा है.

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